-मनरेगा पर कृषि कानूनों की तरह देश व्यापी आंदोलन की जरूरत -बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं पर चिंता -कांग्रेस की सबसे बड़ी बैठक में बनेंगी आगे की रणनीति
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक की शुरुआत में केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों को बेसहारा कर दिया है, जो न सिर्फ संविधान और लोकतंत्र पर हमला है बल्कि गरीबों के पेट पर लात और पीठ में छुरा घोंपने जैसा कदम है। खरगे ने कहा कि यह योजना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित थी, जिसे खत्म करना “गांधीजी का अपमान” है। उन्होंने सोनिया गांधी के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि मनरेगा सर्वोदय और काम के अधिकार की जीवित मिसाल थी, जिसकी समाप्ति सामूहिक नैतिक विफलता है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने किसी अध्ययन या परामर्श के बिना नया कानून थोप दिया। तीन कृषि कानूनों की तरह ही देशव्यापी आंदोलन की जरूरत बताई। खरगे ने कहा कि 2006 में बंडलापल्ली (आंध्र प्रदेश) में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी द्वारा शुरू की गई यह योजना विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बनी, जिससे पलायन रुका,महिलाओं, दलितों, आदिवासियों को सुरक्षा मिली और लाखों परिवार गरीबी से ऊपर आए।
उन्होंने दावा किया कि आज देश में एक पूरी पीढ़ी ऐसी है जो मनरेगा की बदौलत पढ़-लिख कर सम्मान से जी रही है।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मौजूद शशि थरूर, सलमान खुर्शीद और अभिषेक मनु सिंघवी।
खरगे ने कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों पर संकट बढ़ रहा है और कांग्रेस को जमीनी स्तर पर संगठन सक्रिय करना होगा। उन्होंने भाजपा व चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाया राहुल गांधी ने देश के सामने वोट चोरी के प्रमाण रखे हैं उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि
दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और कमजोर वर्गों के नाम मतदाता सूची से न कटें। BLA घर-घर जा कर सत्यापन करें। वहीं खरगे ने कहा कि भाजपा और संघ परिवार National Herald मामले के जरिए कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
“हम न्यायिक लड़ाई लड़ रहे हैं, सत्यमेव जयते — हमारी जीत होगी।”
बांग्लादेश की घटना पर चिंता- खड़गे ने हाल में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला चिंताजनक है।