-लद्दाख हिंसा के बाद बातचीत को पटरी पर लाने के लिए आश्वस्त करने में जुटी सरकार -लद्दाख प्रशासन ने कहा- स्थानीय लोगों की सहमति के बिना नहीं बनेगा सौर पार्क
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली। लद्दाख हिंसा के बाद बातचीत को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार एपेक्स बॉडी लेह (एबीएल) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) को आश्वस्त करने में जुटा है कि स्थानीय लोगों की भूमि, संसाधन, रोजगार और आजीविका पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। लद्दाख में सौर पार्क भी बिना स्थानीय लोगों की सहमति के नहीं बनेगा। लद्दाख के मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि लोकसभा सीटें बढ़ाने के मुद्दे पर उच्च अधिकार समिति में चर्चा की गई थी और तय हुआ है कि परिसीमन के समय विचार होगा। मुख्य सचिव ने कहा है कि कम जनसंख्या के बावजूद लद्दाख सरकार की प्राथमिकता बना रहेगा।
लद्दाख प्रशासन ने कहा है कि सौर ऊर्जा पार्क, औद्योगिकीकरण के मुद्दे पर हम कार्बन-न्यूट्रल लद्दाख के विकास के पथ पर हैं। स्थानीय समुदाय की सहमति और परामर्श के बिना कुछ भी नहीं किया जाएगा। लद्दाख में कोई खनन गतिविधि या प्राकृतिक संसाधनों का व्यावसायिक दोहन नहीं हो रहा है। प्रशासन ने राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित संगठन से जुड़े लोगों पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
लद्दाख के मुख्य सचिव ने केंद्रशासित प्रदेश में किसी तरह की जनसांख्यिकीय बदलाव से इन्कार करते हुए कहा है कि 'डेमोग्राफिक फ्लडिंग' या 'कल्चरल जेनोसाइड' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर संगठन जनता को गुमराह कर रहे हैं। भूमि संबंधी विषयों पर सभी अधिकार संबंधित लेह ऑटोनामस हिल डेवलपमेंट काउंसिल के पास ही हैं और हम भूमि कानूनों को जनता हितैषी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। काउंसिल के अधिकार छीने नहीं जा रहे, बल्कि उनका पूंजीगत बजट पहले के 150 करोड़ से बढ़ाकर लगभग 750 करोड़ किया गया है, जो पहले की तुलना में पांच गुना है।