उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार देर रात हुए प्रशासनिक फेरबदल में एक और महिला अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। चंदौली जिले की सदर तहसील में संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात IAS हर्षिका सिंह का तबादला और प्रमोशन कर दिया गया है। उन्हें प्रयागराज जनपद का मुख्य विकास अधिकारी (CDO) नियुक्त किया गया है।
IAS Transfer: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार देर रात हुए प्रशासनिक फेरबदल में एक और महिला अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। चंदौली जिले की सदर तहसील में संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात IAS हर्षिका सिंह का तबादला और प्रमोशन कर दिया गया है। उन्हें प्रयागराज जनपद का मुख्य विकास अधिकारी (CDO) नियुक्त किया गया है, साथ ही उन्हें संभागीय खाद्य नियंत्रक (RFC) का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।
चंदौली में डेढ़ साल का प्रभावशाली कार्यकाल
हर्षिका सिंह नवंबर 2023 में चंदौली जनपद में संयुक्त मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हुई थीं। शुरुआत में उन्होंने कुछ समय जिलाधिकारी कार्यालय में कार्य किया, उसके बाद उनकी पोस्टिंग सदर तहसील में की गई, जहां उन्होंने करीब डेढ़ साल तक उप जिलाधिकारी के रूप में सेवाएं दीं। उनकी कुशल प्रशासनिक शैली और सक्रिय कार्यशैली के चलते सरकार ने उन्हें प्रमोट कर बड़ा दायित्व सौंपा है।
शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
2021 बैच की IAS अधिकारी हर्षिका सिंह मूल रूप से कौशांबी जिले के टीकरी नागी गांव की रहने वाली हैं, हालांकि उनका पालन-पोषण गाजियाबाद में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा होली चाइल्ड स्कूल और डीपीएसजी मेरठ रोड से पूरी की, जहां उन्होंने 10वीं और 12वीं दोनों में 94% अंक प्राप्त किए। इसके बाद उन्होंने IET लखनऊ से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया, जिसमें वे अपनी ब्रांच की टॉपर रहीं।
2017 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और 2021 में UPSC पास कर IAS बनीं। इससे पहले 2020 में वे UPPCS परीक्षा में 15वीं रैंक हासिल कर चुकी थीं।
प्रयागराज से पुराना नाता
हर्षिका की यह प्रयागराज में दूसरी तैनाती है। IAS बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग भी प्रयागराज में बतौर एसडीएम हुई थी। अब वे पुनः इस ऐतिहासिक जिले में लौटकर दो-दो अहम पदों की जिम्मेदारी संभालेंगी।
हर्षिका के पिता अवधेश कुमार व्यवसायी हैं, जबकि मां स्नेह प्रभा सिंह गृहिणी हैं। उनके छोटे भाई दीपक सिंह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। प्रशासनिक सेवा में उनका योगदान युवा अफसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
सरकार द्वारा दी गई इस दोहरी जिम्मेदारी से साफ है कि हर्षिका सिंह को भविष्य की एक भरोसेमंद अफसर के रूप में देखा जा रहा है।