Mahakumbh 2025: महाकुंभ का पहला बड़ा स्नान सोमवार को 'पौष पूर्णिमा' के अवसर पर हुआ, जबकि अखाड़ों या हिंदू मठों के सदस्यों ने अपना पहला स्नान मकर संक्रांति पर किया।
Mahakumbh 2025: मंगलवार यानी 14 जनवरी को 'मकर संक्रांति' के अवसर पर विभिन्न 'अखाड़ों' के संतों ने महाकुंभ मेले में पहला 'अमृत स्नान' किया , जिसमें लगभग एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के सुबह 10 बजे से पहले ही त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने का अंदाजा है।
मकर संक्रांति के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व 'मकर संक्रांति' के पावन अवसर पर महाकुंभ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई।"
पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और शंभू पंचायती अटल अखाड़ा सबसे पहले अमृत स्नान करने वाले थे। आपको बता दें कि इस महाकुंभ में कुल 13 अखाड़े हिस्सा ले रहे हैं। अमृत स्नान 'ब्रह्म मुहूर्त' में सुबह करीब तीन बजे शुरू हुआ और त्रिवेणी संगम का बर्फीला जल श्रद्धालुओं के लिए किसी बाधा के रूप में सामने नहीं आया।
भाले और त्रिशूल लिए, शरीर पर भस्म लगाए नागा साधुओं ने जुलूस निकाला और इसके साथ ही कुछ लोग घोड़ों पर सवार होकर शाही स्नान के लिए आगे बढ़े। 'हर हर महादेव', 'जय श्री राम' और 'जय गंगा मैया' के नारों के बीच कई श्रद्धालु समूहों में विभिन्न घाटों की ओर बढ़ते देखे गए। कई पुरुष अपने बच्चों को कंधों पर उठाए हुए थे, जबकि कुछ अपने बुजुर्ग माता-पिता की सहायता करते हुए देखे गए।