राज्य सरकार का अनुमान है कि प्रयागराज में संगम के तट पर लगने वाले माघ मेले के दौरान 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं। श्रद्धालुओं के माघ मेले में आने के बाद उनके स्नान और सकुशल सुरक्षित वापसी के लिए योगी सरकार खास प्रबंध कर रही है।
प्रयागराज में संगम किनारे लगने जा रहे माघ मेले में लगभग 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, ऐसे में यहां सुरक्षा और मैनेजमेंट करना जिला प्रशासन के लिए अग्नि परीक्षा जैसा है। इससे निपटने के लिए आपदा प्रबंधन और उससे जुड़ी सभी सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा और प्रबंधन का रोड मैप तैयार कर लिया। संगम के किनारे 3 जनवरी से लगने जा रहे आस्था के महासमुंद्र इस माघ मेले में इस बार अब तक आयोजित सभी माघ मेलों से अधिक 12 से 15 करोड़ के बीच श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संभावित संख्या को देखते हुए क्राउड मैनेजमेंट और किसी भी तरह की इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए यूपी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और माघ मेला प्रशासन की सहयोगी एजेंसियों विचार-विमर्श किया और सुझाव रखे। न्यू कैंट में सदर स्थित कोबरा आडीटोरियम में दो दिवसीय सिंपोजियम एवं टेबलटॉप एक्सरसाइज मंगलवार को खत्म हुई। इसमें हुए संवाद हासिल हुए अनुभवों और निष्कर्षों को अब धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो रही है।
यूपी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल ( सेवानिवृत) योगेंद्र डिमरी का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए सभी एजेंसियों में समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डिमरी ने कहा कि क्राउड मैनेजमेंट के लिए हमें होल्डिंग एरिया और चौराहों की उपलब्धता पर नजर रखनी होगी। भीड़ की गतिशीलता और जोखिम कारकों पर गौर करना होगा।
व्यवस्था की कमजोर कड़ी को अच्छे से समझना होगा सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श के बाद अब इसके लिए मॉक ड्रिल और एक्सरसाइज करने होंगे। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने बताया कि इन विषयों से जुड़ी बिंदुओं की मॉक ड्रिल और एक्सरसाइज 27 दिसंबर से शुरू हो रही है जिसमें अग्नि शमन और जल सुरक्षा जैसी तैयारियों को परखा जाएगा। प्रयागराज के माघ मेला में पूरी तरह एक नया शहर बस जाता है।
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