जनवरी महीने से संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले माघ मेले की तैयारियां भी बेजोड़ हो रही हैं। इस बार मेले में रोशनी की खास और ऐतिहासिक व्यवस्था की जा रही है।
Magh Mela 2026: देश के सबसे बड़े धार्मिक मेला, माघ मेला 2026 को रोशन करने के लिए बिजली विभाग ने इस बार इतिहास की सबसे बड़ी और हाईटेक तैयारी की है। 3 जनवरी से शुरू होने जा रहे मेले में आने-जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, विद्युत विभाग ने एक अभूतपूर्व 'बारकोड सिस्टम' लागू करने का फैसला किया है, जिससे बिजली से जुड़ी हर समस्या का तुरंत और रिकॉर्ड समय में समाधान किया जा सकेगा।
माघ मेले की बिजली होगी 'स्कैन टू फिक्स' तकनीक पर आधारित
चीफ इंजीनियर राजेश कुमार ने बताया कि इस बार माघ मेले की बिजली आपूर्ति पूरी तरह से हाईटेक होगी, जिसे उन्होंने 'स्कैन टू फिक्स' तकनीक पर आधारित बताया। मेला क्षेत्र में लगाए गए हर खंभे, लाइन और कनेक्शन पर विशेष बारकोड लगाए जाएंगे। बिजली कर्मचारी इन बारकोड को स्कैन करते ही, सीधे कंट्रोल रूम से समस्या की सटीक जानकारी हासिल कर लेंगे। इस डिजिटल सिस्टम की मदद से बिजली कर्मचारी बिना समय गंवाए सीधे शिकायत वाले स्थान तक पहुंचेंगे, जिससे समस्याओं का समाधान रिकॉर्ड समय में हो सकेगा।
25 हजार LED लाइटों से दूधिया रोशनी
इस बार तंबुओं के नगर को दूधिया रोशनी से जगमगाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। 25 हजार से अधिक LED लाइटें पूरे मेला क्षेत्र को रोशन करेंगी। तंबुओं का पूरा नगर रात के अंधेरे को दिन की तरह रोशन करता नजर आएगा। निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 15 हजार से अधिक बिजली के खंभे और 25 से अधिक पावर ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं। चीफ इंजीनियर ने बताया कि इस बार पिछले माघ मेले की तुलना में कहीं अधिक सोलर लाइटों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
माघ मेले की शुरुआत
गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले की शुरुआत 3 जनवरी 2026 से संगम के तट पर होने जा रही है। मेला 15 फरवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान 6 प्रमुख स्नान पर्व होंगे, जिनमें करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। लाखों की संख्या में कल्पवासी इस दौरान कल्पवास करेंगे। विद्युत विभाग इन लाखों श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को बेहतर सुविधा देने के लिए अपनी तैयारियों में जोर-शोर से जुटा हुआ है।