प्रयागराज

रसूलाबाद घाट अब हो गया चंद्रशेखर आजाद घाट, समझिए इस नाम के पीछे की पूरी कहानी

प्रयागराज में गंगा किनारे स्थित ऐतिहासिक रसूलाबाद घाट का नाम बदलकर अब "चंद्रशेखर आजाद घाट" कर दिया गया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लिया गया। प्रयागराज नगर निगम ने इस बदलाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है, और अगले सप्ताह तक वहां नया शिलापट्ट लगा दिया जाएगा।

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रसूलाबाद घाट गंगा नदी के किनारे स्थित है और यह अंतिम संस्कार के लिए जाना जाता है। नगर निगम ने 1991 में ही इस घाट का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया था लेकिन 33 वर्षों के बाद अब इसे औपचारिक रूप दिया गया है।

पार्षदों की मांग पर सीएम योगी की पहल

आपको बता दें कि 27 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे के दौरान नगर निगम में यह मुद्दा उठाया। पार्षदों द्वारा रसूलाबाद घाट का नाम बदलने की मांग पर उन्होंने मेयर गणेश केसरवानी और नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके बाद नगर निगम ने घाट का नाम बदलने का फैसला लिया गया।

महाकुंभ 2025 की जोर-शोर से चल रही हैं तैयारियां 

इसके साथ ही महाकुंभ 2025 को भव्य बनाने की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले इस आयोजन में सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करने की योजना है। यूपी सरकार के मंत्री अलग-अलग राज्यों में जाकर यह निमंत्रण देंगे।

नाम के पीछे की क्या है पूरी कहानी

रसूलाबाद घाट प्रयागराज के प्राचीन और ऐतिहासिक घाटों में शामिल है। इसका एक महत्वपूर्ण इतिहास है। यह वही घाट है जहां अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का अंतिम संस्कार किया गया था। उनकी याद को सम्मानित करने और घाट के महत्व को बढ़ाने के लिए इसका नाम बदलने का निर्णय लिया गया है। नगर निगम की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज का दौरा किया और महाकुंभ की तैयारियों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दशाश्वमेध घाट और गंगा रिवर फ्रंट रोड की स्थिति का जायजा लिया और रसूलाबाद घाट का नाम बदलने के निर्देश दिए थे।

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