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संघर्षों के बीच चमकी प्रतिभा, झुग्गी में पली बेटी ने रचा इतिहास, खेलो इंडिया में जीता सिल्वर

प्रयागराज की एक छोटी-सी झुग्गी में रहने वाली नंदनी बंसल ने वो कर दिखाया है, जो कई लोगों के लिए सपना होता है। राजस्थान के उदयपुर में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में नंदनी ने 2 दिसंबर को कयाकिंग के दो बड़े मुकाबलों के2 1000 मीटर और के4 1000 मीटर में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो रजत पदक अपने नाम किए।

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झुग्गी में पली बेटी ने रचा इतिहास

झुग्गी में पली बेटी ने रचा इतिहास

प्रयागराज की एक छोटी-सी झुग्गी में रहने वाली नंदनी बंसल ने वो कर दिखाया है, जो कई लोगों के लिए सपना होता है। राजस्थान के उदयपुर में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में नंदनी ने 2 दिसंबर को कयाकिंग के दो बड़े मुकाबलों के2 1000 मीटर और के4 1000 मीटर में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो रजत पदक अपने नाम किए। पंजाब यूनिवर्सिटी की जर्सी में उतरी नंदनी ने अपने दमदार खेल से पूरे देश का ध्यान खींच लिया।

झुग्गी में रहते हैं नंदनी के पिता

नंदनी का घर प्रयागराज के चुंगी परेड इलाके की एक झुग्गी में है। उनके पिता कबाड़ बीनते हैं और वक्त मिलने पर ई-रिक्शा चलाते हैं। मां घरों में झाड़ू–पोंछा कर परिवार का सहारा बनती हैं। पांच बहनों में दूसरे नंबर की नंदनी ने गरीबी के चलते कई रातें भूखे पेट गुजारी हैं। दो वक्त की रोटी जुटाना भी परिवार के लिए बड़ी चुनौती रहा है।

नंदनी ने नहीं हारी हिम्मत

ऐसे हालात में खेल और पढ़ाई दोनों ही सपने जैसे लगते थे, लेकिन नंदनी ने हिम्मत नहीं हारी। करीब तीन साल पहले प्रयागराज की संस्था ‘शुरुआत शिक्षा की’ ने नंदनी, आंचल और भूमि। इन तीन बेटियों का चयन किया। यहीं से नंदनी की जिंदगी में बदलाव की शुरुआत हुई और उसके सपनों को उड़ान मिली।

8–10 घंटे पानी पर प्रैक्टिस करती थी नंदनी

पिछले छह महीनों से नंदनी रोज 8–10 घंटे पानी पर प्रैक्टिस करती है। बारहवीं के बाद संस्था ने उसका दाखिला पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में कराया। अब नंदनी खेल के साथ-साथ ग्रैजुएशन भी कर रही है। पढ़ाई और खेल दोनों में वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

सपनों को मिली नई दिशा

यह पहला मौका नहीं जब नंदनी ने उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया हो। 2022 में भोपाल में हुई क्याक और कैनो नेशनल चैंपियनशिप में उसने यूपी टीम में जगह बनाई थी। 2023 में मध्य प्रदेश में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी वह यूपी की ओर से उतरी थी। हर प्रतियोगिता में उसने साबित किया कि मुश्किल हालात भी उसके इरादों को रोक नहीं सकते।

नंदनी के सफर में शुरुआत शिक्षा की संस्था ने बड़ी भूमिका निभाई है। संस्था उसकी डाइट, ट्रेनिंग और हर जरूरत का ध्यान रखती है। हर महीने करीब 10,000 रुपये उसकी डाइट पर खर्च किए जाते हैं।बेहतर ट्रेनिंग और अच्छी सुविधाओं से नंदनी के सपनों को नई दिशा मिली।