कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के आगजनी मामले में मुख्य गवाह रहे विष्णु सैनी की मृत्यु हो गई है। इस बात की पुष्टि विष्णु सैनी के परिजनों ने की है।
विष्णु सैनी ने 2022 में हुए आगजनी के मामले में इरफान सोलंकी के खिलाफ गवाही दी थी। उनकी गवाही के आधार पर जून 2024 में कानपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने इरफान सोलंकी उनके भाई रिजवान और पांच अन्य आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई थी। फिलहाल, इरफान सोलंकी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है।
विष्णु सैनी ने आगजनी के मामले के साथ-साथ यह भी आरोप लगाया था कि पेशी के दौरान इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान और अन्य आरोपियों ने उन्हें धमकाया और रंगदारी की मांग की थी। इस मामले में भी विष्णु सैनी एक महत्वपूर्ण गवाह थे। उनकी मृत्यु के बाद अब इन मामलों की सुनवाई पर असर पड़ सकता है, क्योंकि गवाह की अनुपस्थिति से कानूनी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
नवंबर 2022 में कानपुर की रहने वाली महिला नजीर फातिमा ने इरफान सोलंकी और उनके साथियों के खिलाफ अपनी झोपड़ी में आग लगाने का मामला दर्ज कराया था। इस घटना के बाद कई गवाह सामने आए, जिनमें विष्णु सैनी प्रमुख थे। उनकी गवाही के कारण ही अदालत ने आरोपियों को सजा सुनाई थी।
विष्णु सैनी के परिजनों के अनुसार, गुरुवार को हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। आगजनी की पीड़िता नजीर फातिमा की वकील प्राची श्रीवास्तव ने बताया कि विष्णु सैनी की गवाही के कारण ही इरफान सोलंकी को जेल जाना पड़ा था। उनकी मृत्यु से न केवल इस मामले बल्कि अन्य मामलों में भी गवाही का महत्व खत्म हो सकता है।
विष्णु सैनी की मृत्यु के बाद उनके गवाह होने के कारण जिन मामलों में सुनवाई होनी थी उन पर अब असर पड़ सकता है। इससे न्याय प्रक्रिया धीमी हो सकती है और यह देखने वाली बात होगी कि कोर्ट इस परिस्थिति को कैसे संभालता है।