39th Chakradhar Samaroh: रायगढ़ जिले चक्रधर समारोह की छठवें दिन कार्यक्रम की शुरुआत भोपाल से आए कलाकार अंशुल प्रताप सिंह ने किया। साथ ही सामूहिक रूप से कथक की प्रस्तुति की काफी सराहना हुई। दर्शकों ने कलाकारों का उत्साह वर्धन किया।
39th Chakradhar Samaroh: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले चक्रधर समारोह की छठवें दिन कार्यक्रम की शुरुआत भोपाल से आए कलाकार अंशुल प्रताप सिंह ने किया। अंशुल ने कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के तांडव नृत्य को तबले की थाप से अभिव्यक्त किया। इससे दर्शक दीर्धा में बैठे कला प्रेमी मंत्र मुग्ध हो गए। वहीं उन्होंने अंशुल प्रताप पर भरपूर प्यार लुटाते हुए तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साह वर्धन किया।
वहीं दूसरा कार्यक्रम संतूर वादन के लिए सजा। इस कार्यक्रम की प्रस्तुति संतूर वादक राहुल शर्मा ने दी। राहुल शर्मा ने अपने संतूर वादन से कश्मीर के पहाड़ी संगीत की महक बिखेरी। उन्होंने चक्रधर समारोह में संतूर के सुर के जरिए कश्मीर के पहाड़ी संगीत से कला प्रेमियों को रूबरू करवाया।
वहीं इसके बाद स्थानीय रायगढ़ की कलाकार दीक्षा घोष ने दी। दीक्षा घोष ने भरतनाट्यम की शानदार प्रस्तुति देकर पंडाल में मौजूद दर्शकों का दिल जीत लिया। दर्शकों ने भी कलाकार का उत्साह वर्धन तालियों की गड़गड़ाहट के साथ किया। इसी तरह समारोह का तीसरा कार्यक्रम कथक का था। कुछ ही समय के बाद मंच कथक के लिए सजाया गया। इस कार्यक्रम की प्रस्तुति रायपुर से आई कलाकार अन्विता विश्वकर्मा ने दिया। इस कलाकार ने भी शानदार प्रस्तुति दी। वहीं समारोह में रायपुर की आरती सिंह एवं उनकी टीम ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। सामूहिक रूप से कथक की प्रस्तुति की काफी सराहना हुई। दर्शकों ने कलाकारों का उत्साह वर्धन किया।