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प्रशासन की धमकी के बाद भड़का जनआंदोलन, कोल ब्लॉक जनसुनवाई के विरोध में 14 गांवों का धरना, विधायक भी डटीं

Raigarh News: जिंदल उद्योग को आवंटित कोल ब्लाक गारे-पेलमा सेक्टर-1 के प्रभावित क्षेत्रों के भू-अधिग्रहण के लिए आयोजित जनसुनवाईको लेकर चल रहा शांतिपूर्वक प्रदर्शन शनिवार को प्रशासन के धमकी भरे आदेश के बाद और उग्र हो गया।

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कोल ब्लॉक जनसुनवाई के विरोध में 14 गांवों का धरना (फोटो सोर्स- पत्रिका)

कोल ब्लॉक जनसुनवाई के विरोध में 14 गांवों का धरना (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: जिंदल उद्योग को आवंटित कोल ब्लाक गारे-पेलमा सेक्टर-1 के प्रभावित क्षेत्रों के भू-अधिग्रहण के लिए आयोजित जनसुनवाईको लेकर चल रहा शांतिपूर्वक प्रदर्शन शनिवार को प्रशासन के धमकी भरे आदेश के बाद और उग्र हो गया। रविवार को सुबह से ही जनुसनवाई स्थल में ग्रामीणों का टेंट लगना शुरू हो गया और दोपहर तक 14 गांव के लोगों का अलग-अलग टेंट तैयार कर शांतिपूर्वक प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। इस प्रदर्शन में लैलूंगा विधायक विद्यावति सिदार भी दो दिनों से प्रदर्शन स्थल पर डटी हुई है।

गारे-पेलमा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक में जिंदल पावर लिमिटेड की प्रस्तावित 8 दिसंबर 2025 की जनसुनवाई को लेकर तमनार अंचल के 14 गांवों के हजारों ग्रामीण विरोध दर्ज कर रहे हैं। तेज ठंड को मात देते हुए ग्रामीण धौराभाठा के प्रस्तावित जनुसनवाई स्थल स्कूल मैदान में रात-भर रतजगा कर आंदोलन कर रहे हैं। 5 दिसंबर से 3 गांव के लोगों का प्रदर्शन चल रहा है जिसमें लैलूंगा विधायक विद्यावति सिदार भी प्रदर्शन में शामिल है।

दो दिनों तक चल रहे इस प्रदर्शन को लेकर शनिवार को तहसीलदार ऋचा सिंह ने एक आदेश जारी किया है जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि धौराभांठा के मैदान में बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति के प्रदर्शन किया जा रहा है जो कि नियमों के विपरित है और सोमवार उक्त स्थल पर जनसुनवाई आयोजित है। बिना अनुमति सभा आयोजित करना या फिर विरोध प्रदर्शन करना शासकीय कार्य में बाधा की श्रेणी में आता है। ऐसी स्थिति में संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को जारी उक्त आदेश के बाद रविवार को पूरे मैदान में 14 गांव के लोगों ने अलग-अलग टेंट लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

ग्रामीणों की एक ही मांग जनसुनवाई निरस्त करो

ग्रामीणों के कहे अनुसार, वे पहले भी कलेक्टोरेट में बड़ा प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंप चुके हैं, जिसके बाद प्रशासन ने अस्थायी रूप से जनसुनवाई निरस्त की थी, लेकिन अब फिर से प्रशासन और कंपनी प्रबंधन सक्रिय होकर सुनवाई कराना चाह रहे हैं। ग्रामीणों ने मीडिया, तहसीलदार रायगढ़ का लिखित आदेश दिखाते हुए आरोप लगाया कि हमें फोन और पत्र भेजकर आंदोलन कमजोर करने की धमकी दी जा रही है।

इन गांव के ग्रामीण कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन

उक्त कोल ब्लॉक के प्रभावित क्षेत्र में ग्राम धौराभांठा, आमगांव, जांजगीर, कोसमपाली, सरसमाल, झरना, गोढ़ी, कसडोल, पाली,हमिरपुर, जोबरो, महलोई सहित अन्य 2 गांव प्रभावित हो रहा है। जिसके कारण उक्त गांव के लोगों ने प्रस्तावित जनसुनवाई स्थल में प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

माहौल रहा तनावपूर्ण

एक ओर देखा जाए तो ग्रामीण टेंट लगाकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जनसुनवाई आयोजित करने के लिए प्रशासन ने तैयारी कर रखी है और चार जिले जांजगीर, सक्ती, कोरबा और महासमुंद जिले के पुलिस बल को बुलाया गया है। बताया जाता है कि पुलिस बल रविवार देर शाम जनसुनवाई स्थल के आस-पास तैनात थी।

नियमों के विपरीत जनसुनवाई का आरोप

जानकारों की माने तो केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की 14 सितंबर 2006 की पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि जनसुनवाई का आयोजन सामान्य वातावरण में संपन्न हो, प्रशासन के धमकी भरे पत्र ओर चार जिलों की पुलिस तैनात कर जनसुनवाई आयोजित किया जा रहा है जो कि उक्त निर्देशों के विपरित है।