CG Plot Diversion: जिला मुख्यालय में पिछले लंबे समय से रिंग-रोड का सपना कागजों में होने के कारण शहरवासियों की उम्मीदें टूट चुकी थी, लेकिन एक बार फिर से यह सपना साकार होने के दिशा में उम्मीद की एक किरण जागी है।
CG Plot Diversion: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में जिला मुख्यालय में पिछले लंबे समय से रिंग-रोड का सपना कागजों में होने के कारण शहरवासियों की उम्मीदें टूट चुकी थी, लेकिन एक बार फिर से यह सपना साकार होने के दिशा में उम्मीद की एक किरण जागी है। बजट में रिंग-रोड शामिल होने के बाद इसे धरातल में उतारने के दिशा में पहल शुरू हो गई है। सर्वे का कार्य होने के साथ ही साथ प्रभावित 10 गांव की भूमि में खरीद-बिक्री व डायवर्सन पर रोक लगा दिया गया है।
जिले में उद्योगों की स्थापना शुरू होने के साथ ही साथ रिंग-रोड की मांग उठने लगी थी। उस समय शहर के चारों ओर बायपास सड़क का निर्माण कर छोड़ दिया गया। इसके बाद लोक निर्माण विभाग के रिकार्ड पर गौर किया जाए तो रिंग रोड का प्रस्ताव सबसे पहले 2008 में बना था और 2009 में रिंग रोड का सर्वे भी हुआ। इस सर्वे के बाद बजट के अभाव में कार्य नहीं हुआ और फिर वर्षाें बाद 2019 -20 में फिर से इसकी याद आई। पूर्व में किए गए सर्वे रिपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो अधिकांश जगहों में आबादी बस चुकी है। इसके कारण पुराना सर्वे रिपोर्ट को किनारे कर दिया गया।
इस बार बजट में रिंग रोड को शामिल करने के साथ ही एनएचआई से सर्वे कराया गया। एनएचआई का सर्वे होने के बाद अब संयुक्त टीम द्वारा प्रभावित गांव में प्रभावित भूमियों का सर्वे कर एनएचआई के साथ मिलकर नक्शा तैयार किया जा रहा है। ताकि कम से कम निजी भूमि और वनभूमि प्रभावित हो। इस सर्वे के शुरू होने के बाद से प्रभावित क्षेत्र में भूमि के खरीद-बिक्री और डायवर्सन का खेल शुरू होने लगा था। इसके कारण फिर से इस प्रोजेक्ट पर लागत बढ़ती और ग्रहण लग जाता। इसको देखते हुए पीडल्यूडी के पत्र पर एसडीएम ने प्रभावित गांव में भूमि के खरीद-बिक्री व डायवर्सन पर रोक लगा दिया है।