Raigarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के 48 वार्डों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया की गई। सामान्य के लिए 24 वार्ड, एससी के 8 वार्ड, ओबीसी के 11 वार्ड व एसटी वर्ग के लिए 5 वार्ड आरक्षित किए गए हैं। इसमें महिलाओं के लिए 16 वार्ड आरक्षित हैं।
CG Election: रायगढ़ में नगर निगम चुनाव की डुगडुगी बजने से पहले ही आरक्षण ने कई पार्षदों की जमीन खिसका दी है। आरक्षण प्रक्रिया ने कांग्रेस और भाजपा सहित निर्दलीय जीत दर्ज करने वाले पार्षदों का समीकरण बिगाड़ दिया है। समीकरण बिगड़ने वाले पार्षद या तो दूसरी जगह जमीन तलासेंगे मसलन दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ते हुए किस्मत आजमाएंगे या फिर वे आने वाले निकाय चुनाव से किराना करेंगे।
नगरीय निकाय चुनाव के लिए गुरुवार को कलेक्टोरेट के सृजन कक्ष में वार्डों के आरक्षण प्रक्रिया हुई। इस आरक्षण प्रक्रिया में सबसे पहले नगर निगम के वार्डों का आरक्षण किया गया। इस आरक्षण प्रक्रिया के बाद कुछ पार्षद चुनाव लड़ने से पहले ही अपने निर्वाचित वार्ड के चुनावी मैदान से बाहर हो गए हैं। इसमें प्रमुख रूप से भाजपा के तेज तर्रार पार्षद सीनू राव शामिल हैं।
सीनू राव रेलवे बंगला पारा के वार्ड क्रमांक 39 से लगातार चार बार चुनाव जीतते हुए आ रहे हैं। इसमें एक बार निर्दलीय व तीन बार भाजपा की टिकट से चुनाव जीत चुके हैं। इस बार आरक्षण की मार से वे प्रभावित हुए। यह वार्ड क्रमांक 39 पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हो गया है। ऐसे में वे यहां स्वयं चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
इसी तरह वार्ड क्रमांक 2 के भाजपा पार्षद अशोक यादव भी प्रभावित हुए। अशोक यादव वार्ड क्रमांक दो से दो बार भाजपा की टिकट और एक बार निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन इस बार यह वार्ड भी महिला के लिए आरक्षित है। वहीं कांग्रेस से दो बार के पार्षद व इस कार्यकाल में मेयर के एमआईसी सदस्य रहे संजय देवांगन का वार्ड भी आरक्षण से प्रभावित हुआ है।
संजय देवांगन कांग्रेस के तेज तर्रार नेताओं में शुमार है। इस बार आरक्षण से यह वार्ड महिला के लिए आरक्षित हो गया है। इसी तरह कांग्रेस व भाजपा दोनों को हरा कर निगम में पहली बार प्रवेश करने वाले वार्ड क्रमांक 40 के पार्षद श्याम लाल साहू का वार्ड भी आरक्षण से प्रभावित हुआ है। वार्ड क्रमांक 40 महिला के लिए आरक्षित हुई है।
आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुछ उम्मीदवारों के चेहरे में चमक देखने को मिल रही थी तो कुछ निर्वाचित पार्षदों के चेहरे मुरझाए हुए थे। निर्वाचित पार्षद अब अपनी रणनीति बदलने में लग गए हैं। महिला के लिए आरक्षित होने पर पार्षद पत्नी का सहारा लेकर निगम में दखल रखने की मंशा में हैं तो कुछ पार्षद आरक्षण की काट निकालते हुए नए वार्ड से चुनाव लड़ने की मंशा बना रहे हैं।
एससी मुक्त : 04, 11, 33, 36, 38
एसी महिला : 29, 31, 37
एसटी मुक्त : 03, 05, 46
एसटी महिला : 41, 47
ओबीसी मुक्त : 01, 16, 17, 18, 23, 27, 42
ओबीसी महिला: 08, 14, 22, 39
सामान्य : 07, 09, 10, 12, 13, 15, 19, 20, 21, 24, 28, 30, 32, 34, 40, 45, 48
महिला : 02, 06, 25, 26, 35, 40, 44