CG News: रायगढ़ जिले में वैध रेत घाट को बंद हुए करीब ढाई माह हो गया है, वहीं भंडारण केंद्र में रेत उपलब्ध नहीं है, इसके बाद भी जिले में रेत की अवैध रूप से सप्लाई बेखौफ चल रही है।
CG News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में वैध रेत घाट को बंद हुए करीब ढाई माह हो गया है, वहीं भंडारण केंद्र में रेत उपलब्ध नहीं है, इसके बाद भी जिले में रेत की अवैध रूप से सप्लाई बेखौफ चल रही है। खनिज विभाग अवैध रूप से डंप किए गए रेत पर न तो कार्रवाई कर पाई न ही समय-समय पर हो रही अवैध उत्खनन पर कार्रवाई कर पा रही है।
जिले में इकलौता रेत खदान उसरौट संचालित था, इसे भी नियमानुसार बारिश शुरू होने के बाद १५ जून से सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया, लेकिन इसके बाद भी रेत की तस्करी में संलिप्त लोग सक्रिय रहे और नदी में जल स्तर बढ़ने के पूर्व रेत का उत्खनन और डंपिंग का कार्य बेखौफ चलता रहा।
न तो उत्खनन व डंपिंग के दौरान कोई कार्रवाई खनिज विभाग ने की न ही अब अवैध डंपिंग स्थलों से निर्माण कार्य स्थलों तक हो रहे परिवहन को लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई की जा रही है, इसके कारण इस कार्य में संलिप्त लोग बेखौफ होकर रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं। शहर के आस-पास क्षेत्रों में रेत का अवैध भंडारण किया गया था, कोड़ातराई, हमीरपुर में काफी बड़े पैमाने पर रेत का भंडारण किया गया था जो कि पूरी तरह से अब साफ हो गया।
इसके अलावा शहर के आस-पास क्षेत्रों में भी रेत का भंडारण अवैध रूप से किया गया था। घरघोड़ा व तमनार क्षेत्र में रेत का व्यापक पैमाने पर भंडारण किया गया था उक्त अवैध भंडारण स्थलों को लेकर पूर्व में भी विभाग के संज्ञान में लाया गया था, लेकिन खनिज विभाग की कार्रवाई जीरो रही।
पामगढ़, टायंग, मूरा-अ, मूरा-ब, नगर धरमजयगढ़, जबलपुर खदाने पुरानी सरकार के समय संचालित थी, लेकिन पुरानी सरकार द्वारा नियमों में संशोधन करते हुए अधिसूचित क्षेत्र की खदानें ग्राम पंचायत को देने का नियम लागू करने के उक्त खदानों का प्रकरण अलग-अलग कोर्ट में लंबित है।
जिसके कारण उक्त खदानों को न तो ग्राम पंचायत को दिया जा सकता है न ही टेंडर किया जा सकता है। उक्त खदानों के अलावा पामगढ़ और टायंग भी अधिसूचित क्षेत्र में होने के कारण लटक गई। अवैध डंपिंग की मुझे जानकारी नहीं है। ऐसा है तो मै पता कराता हूं। रेत के अवैध डंपिंग व परिवहन पर कार्रवाई की जाएगी।