Raigarh Bear Attack: तेंदूपत्ता तोड़ने गई महिला पर भालू ने हमला कर दिया। इस घटना से महिला की मौके पर मौत हो गई।
Raigarh Bear Attack: तेंदूपत्ता तोड़ने गई महिला पर भालू ने हमला कर दिया। इस घटना से महिला की मौके पर मौत हो गई। मामले की जानकारी मिलते ही वन अमला मौके पर पहुंचा औैर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। घटना धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत छाल रेंज के बोजिया की है। इस संबंध में वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छाल रेंज के बोजिया 505 पीएफ जंगल में इंदिरमति अगरिया पति होरीलाल अगरिया तेंदूपत्ता तोड़ने गई थी। वह तेंदूपत्ता तोड़ रही कि इस बीच वहां भालू आया और महिला पर अचानक हमला कर दिया।
CG Raigarh Bear Attack: मौके मुआयना करने वाले विभागीय अधिकारियों की माने तो कि महिला भालू से बचने का प्रयास की, लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो सकी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इधर काफी देर तक महिला जब जंगल से नहीं लौटी तो मृतका के परिजन परेशान हुए। वहीं उसकी पतासाजी के लिए जंगल गए। जहां उसकी लाश पड़ी थी।
परिजनों ने इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी। मामले की जानकारी मिलते ही विभागीय अमला मौके पर पहुंचा। वहीं शव का पंचनामा कर पीएम के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। वन अमला मामले के आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि मृतका महिला इंदरमति अगरिया साम्हर सिंघा बीट में पदस्थ श्याम अगरिया फारेस्ट गार्ड की मां है जो कि छाल में रहती थी। वह बुधवार की सुबह बोजिया के जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गई थी। इस समय यह घटना घटित हुई।
धरमजयगढ़ वन मंडल में जहां भालू के हमले से एक महिला की मौत हुई है। वहीं इस वन मंडल में हाथियों का आंतक लंबे समय से बना हुआ है। करीब सप्ताहभर पहले ही छाल रेंज के जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गए एक बुजुर्ग ग्रामीण को हाथी ने कुचलकर मौत के घाट उतार दिया था। मौजूदा समय में इस वन मंडल में कई अलग-अलग दलों में हाथियों का दल अभी भी विचरण कर रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में दहशत की स्थिति बनी हुई है। विभाग भी अलर्ट मोड पर है।
मौका स्थल पर भालू के पैरों के निशान पाया गया। ऐसे में शासन के नियमानुसार मृतक के पुत्र श्याम कुमार अगरिया निवासी छाल तह-छाल को तत्कालिक राशि 25 हजार रुपएप्रदान किया गया। प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल परिक्षेत्र अंर्तगत हाथी प्रभावित क्षेत्र एवं अन्य वन्य प्राणी होने एवं जंगल में प्रतिदिन हाथियों के विचरण होने के कारण कर्मचारियों एवं हाथी मित्र दल द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सम्पूर्ण वनमंडल में हाथी, भालू एवं अन्य वन्यप्राणी विचरण क्षेत्रों में तेन्दूपत्ता तोड़ाई या अन्य किसी भी कार्य के प्रयोजन लिये प्रतिबंधित किया गया है। वहीं छाल क्षेत्र के वन अमले को हाई अलर्ट पर रहने के लिए निर्देशित किया गया है।