रायपुर

MRI–सीटी स्कैन के लिए 54 करोड़ की घोषणा, सिर्फ 28 करोड़ मिले, APL मरीजों को OPD में बड़ी राहत…

CG News: अस्पताल के रेडियो डायग्नोसिस विभाग में एमआरआई व सीटी स्कैन मशीनें पुरानी होती जा रही हैं। नई मशीन की जरूरत है, इसलिए राज्य बजट में दोनों मशीनों के लिए 54.4 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी।

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Nov 22, 2025
MRI–सीटी स्कैन के लिए 54 करोड़ की घोषणा, सिर्फ 28 करोड़ मिले; APL मरीजों को OPD में बड़ी राहत...(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर के आंबेडकर अस्पताल के रेडियो डायग्नोसिस विभाग में एमआरआई व सीटी स्कैन मशीनें पुरानी होती जा रही हैं। नई मशीन की जरूरत है, इसलिए राज्य बजट में दोनों मशीनों के लिए 54.4 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी। इसमें 3 टेस्ला एमआरआई के लिए 28.5 करोड़ व 256 स्लाइस सीटी स्कैन के लिए 26 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी। घोषणा के विपरीत शासन ने एमआरआई के लिए 15 व सीटी स्कैन के लिए 13 करोड़ का फंड दिया है। अस्पताल प्रबंधन ने इस पर आपत्ति जताते हुए बजट में घोषित राशि जारी करने की मांग की है।

CG News: फंड कमी के बावजूद एपीएल मरीजों को राहत

शासन ने जो राशि दी है, उसमें दोनों मशीनों की खरीदी नहीं हो सकेगी। अस्पताल की एमआरआई व सीटी स्कैन मशीन 13 साल पुरानी हो चुकी है। 2012 में 20 करोड़ की लागत से दोनों मशीनें खरीदी गईं थीं। विशेषज्ञों के अनुसार दोनों मशीनों का जीवन एक तरह से खत्म हो गया है।

इस कारण रेडियो डायग्नोसिस विभाग लंबे समय से नई मशीनों की मांग कर रहा था। बजट में घोषित राशि से कम फंड मिलने पर पूर्व एचओडी डॉ. एसबीएस नेताम ने डीन के माध्यम से डीएमई कार्यालय को पत्र लिखा था। अधिकारियों ने बताया कि अनुपूरक बजट में घोषित फंड की स्वीकृति दी जा सकती है। इससे मशीनों के लिए टेंडर जारी करने में मदद मिलेगी। नई मशीन आने से मरीजों की एडवांस जांच हो सकेगी।

जब चाहे तब बंद हो जाती हैं दोनों मशीनें

दोनों मशीनें काफी पुरानी होने के कारण कभी भी बंद हो जाती हैं। सीटी स्कैन का सीटी इंजेक्टर तो डेढ़ साल से बंद है। इसे ठीक करने के लिए 15 लाख का बजट भी अस्पताल के पास नहीं है। इसलिए मरीजों की सीटी एंजियोग्राफी नहीं हो पा रही है। बाहर में इसमें 8300 रुपए खर्च हो रहे हैं। सीटी मशीन गर्म होकर कभी भी बंद हो जाती है।

यहां वेटिंग खत्म करने के लिए मरीजों को डीकेएस भेजने का निर्णय शासन स्तर पर लिया गया है, लेकिन वहां भी जांच के बिल को लेकर विवाद है। आरोप है कि पीपीपी मोड पर चलने वाले डायग्नोस्टिक सेंटर के लोग सीधे मरीज ले जा रहे थे। इसलिए प्रबंधन ने 7 लाख रुपए का बिल का पेमेंट करने से ही इनकार कर दिया था।

एमआरआई-सीटी स्कैन मशीन के सालाना मेंटेनेंस के लिए विभाग ने सप्लायर कंपनी सीमेन से 80 लाख रुपए का एग्रीमेंट किया है। एग्रीमेंट नहीं होने पर सालाना खर्च ज्यादा आता। चूंकि मशीनें पुरानी हो गई हैं इसलिए मेंटेनेंस भी काफी महंगा पड़ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार 80 लाख रुपए में सालभर मशीनों का मेंटेनेंस किया जा सकेगा। मशीनें जब भी खराब होंगी, कंपनी का इंजीनियर आकर ठीक करेगा।

स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर

आंबेडकर अस्पताल में अब ओपीडी में इलाज कराने वाले एपीएल मरीजों को एमआरआई जांच के लिए 2000 व सीटी स्कैन जांच के लिए 1000 रुपए खर्च करना होगा। 17 नवंबर को ऑटोनामस कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। हालांकि कुछ मरीजों ने शिकायत की है कि कम रेट पर जांच नहीं हो रही है।

वर्तमान में एमआरआई प्लेन के 3500 रुपए व कंट्रास्ट के लिए 5000 रुपए शुल्क निर्धारित है। सीटी स्कैन के लिए भी एक से 3 हजार रुपए मरीजों को खर्च करना पड़ रहा था। वहीं बीपीएल मरीजों तथा 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए ओपीडी में जांच सुविधा निशुल्क रहेगी। जबकि भर्ती सभी श्रेणी के मरीजों के लिए के लिए दोनों जांच निशुल्क है।

Updated on:
22 Nov 2025 12:06 pm
Published on:
22 Nov 2025 12:05 pm
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