CG News: छत्तीसगढ़ में शहरी स्ट्रीट वेंडरों की पहचान के लिए व्यापक सर्वे शुरू किया गया है। इसमें वेंडरों की जाति, आय, सामाजिक वर्ग और सरकारी योजनाओं के लाभ जैसी 24 बिंदुओं पर जानकारी जुटाई जाएगी।
CG News: छत्तीसगढ़ में अब शहरी क्षेत्रों के स्ट्रीट वेंडरों की पहचान के लिए सर्वे होगा। इसमें 24 बिंदुओं पर जानकारी जुटाई जाएगी। इसके आधार पर स्ट्रीट वेंडरों के लिए भविष्य की कार्ययोजना बनाई जाएगी। इस सर्वे की सबसे अहम बात यह है कि इसके जरिए स्ट्रीट वेंडरों की जाति की भी पहचान की जाएगी। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि स्ट्रीट वेंडरों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है या फिर नहीं।
यह सर्वे नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से कराएगा जाएगा। सर्वे की पूरी जानकारी 30 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से देनी होगी। सर्वे प्रपत्र में स्ट्रीट वेंडरों की जाति के लिए पांच कैटेगरी तय की गई है। इसमें सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग की जानकारी ली जाएगी। इसके जरिए स्ट्रीट वेंडरों की वार्षिक आय की भी जानकारी ली जाएगी। यह देखा जाएगा कि वे बीपीएल या फिर एपीएल की श्रेणी में आते हैं।
दअरसल, इस जानकारी को लेने की कई वजह है। कई स्ट्रीट वेंडर इनकम टैक्स भी जमा करते हैं। ऐसे में सर्वे के जरिए उनकी सही जानकारी सामने आएगी।
सर्वे के जरिए देखा जाएगा कि स्ट्रीट वेंडर हाईटेक है या नहीं। इसके लिए उनसे डिजिटल लेनदेन की जानकारी ली जाएगी। यूपीआई के जरिए लेनदेन करने की स्थिति, उनसे इसकी आइडी भी ली जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि वो कितने साल से इस काम में लगे हैं। उनके परिवार का कोई अन्य सदस्य भी यह काम कर रहा है। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है या नहीं, जैसी अन्य जानकारी ली जाएगी।
CG News: वेंडर्स का सर्वे एक चुनौतीपूर्ण काम होगा। इसके लिए सर्वे करने वालों को एक स्थान का सुबह, शाम और रात का सर्वे करना होगा। जानकारों का कहना है कि एक ही स्थान पर तीनों समय में वेंडर्स अलग-अलग व्यवसाय करते हैं। ऐसे में पारदर्शिता पूर्वक सर्वे के लिए एक स्थान का तीन बार सर्वे करना जरूरी होगा।
स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, 2014 के तहत, हर साल में टाउन वेंडिग कमेटी का गठन करना है। हर पांच साल में सर्वे करना है। प्रदेश में अभी तक टाउन वेंडिग कमेटी का गठन नहीं हुआ। पिछले बार भी सर्वे हुआ था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद वेंडर्स को पहचान पत्र नहीं दिया गया था। यह काम पूरी पारदर्शिता से होना चाहिए: गौतम बंदोपाध्याय, वाइस प्रेसिडेंट, नेशनल हॉकर एसोसिएशन
51 फीसदी को पीएम सुरक्षा बीमा का लाभ
55 फीसदी को पीएम जीवन ज्योति बीमा का लाभ
100 फीसदी को पीएम जन-धन का लाभ
स्ट्रीट वेंडरों से सर्वे में आधार कार्ड और मोबाइल नम्बर भी लिया जाएगा। इसके आधार पर वेंडरों को फोटो वाला प्रमाणपत्र और आधार नंबर युक्त आईडी कार्ड जारी किए जाएगा।
सर्वे के आधार पर शिक्षा, आवास, खाद्य सुरक्षा और आजीविका संबंधी विभिन्न कल्याण योजनाओं के तहत शामिल कर मदद की जाएगी।
सर्वे के आधार पर वेंडरों को पीएम स्वनिधि योजना का लाभ मिल सकेगा। इसके तहत बिना किसी गारंटी के 10 हजार रुपए तक का कर्ज दिया जाता है। समय पर कर्ज चुकाने पर 20 हजार और 50 हजार तक का लोन मिल सकेगा।
शहर में वेंडिग जोन बनाने में मदद मिलेगी।