Breaking News: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी को रायपुर पुलिस ने उनके निवास पर नजरबंद कर दिया। जानकारी के मुताबिक, अमित जोगी प्रधानमंत्री मोदी से मिलने काले कपड़ों में नवा रायपुर जाने वाले थे। पुलिस को भनक लगते ही उन्हें घर से निकलने नहीं दिया गया।
Breaking News: छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को राजधानी रायपुर पहुंचे। उन्होंने नवा रायपुर स्थित सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में 2500 से अधिक बच्चों से मुलाकात की और उनके साथ संवाद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित “छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव” में भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने राज्य में सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 14,260 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
हालांकि, इस ऐतिहासिक अवसर के बीच राज्य की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी को रायपुर पुलिस ने उनके निवास पर नजरबंद कर दिया। जानकारी के मुताबिक, अमित जोगी प्रधानमंत्री मोदी से मिलने काले कपड़ों में नवा रायपुर जाने वाले थे। पुलिस को भनक लगते ही उन्हें घर से निकलने नहीं दिया गया।
अमित जोगी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी नाराज़गी जताई। उन्होंने लिखा, “छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस पर आपके ‘उत्सव’ में काले कपड़े पहनना अब ‘अपराध’ बन गया है! मुझे अपने ही घर में नजरबंद कर दिया गया, क्योंकि मैं मिनी माता के नाम को मिटाए जाने के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध करना चाहता था। क्या लोकतंत्र इतना डरा हुआ है कि काले कपड़ों से भी घबरा रहा है? यही है आपका ‘अमृत काल’?” जोगी का इशारा छत्तीसगढ़ विधानसभा का नाम बदलने को लेकर चल रहे विवाद की ओर था, जिसमें वे लगातार विरोध कर रहे हैं।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी नेता को नजरबंद किया गया हो। कुछ दिन पहले ही प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर को भी पुलिस ने राजधानी रायपुर में नजरबंद कर दिया था। वे अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ धरना देने निकल रहे थे। पुलिस ने उन्हें एम्स के पास रोक लिया, जबकि उनका लक्ष्य मुख्यमंत्री निवास के बाहर धरना देना था।
छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में अमित जोगी का नाम कई विवादों से जुड़ा रहा है। वे राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र हैं और समय-समय पर कई गंभीर आरोपों के घेरे में रहे हैं। 2003 में हुए रामअवतार जग्गी हत्याकांड को प्रदेश का पहला राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है। उस समय एनसीपी के प्रदेश कोषाध्यक्ष रहे जग्गी की हत्या के मामले में अमित जोगी पर हत्या समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। प्रारंभिक जांच राज्य पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में इसे सीबीआई को सौंपा गया। लंबी सुनवाई के बाद 2007 में कोर्ट ने अमित जोगी को दोषमुक्त कर दिया।
इसके अलावा, 2014 के अंतागढ़ टेपकांड में भी उनका नाम प्रमुख आरोपियों में शामिल रहा। इस मामले में चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने और सौदेबाजी के आरोप लगे थे। जोगी पर अब तक एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें कई राजनीतिक कारणों से दर्ज एफआईआर भी शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के इस भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी ने जहां विकास और उपलब्धियों का संदेश दिया, वहीं अमित जोगी की नजरबंदी ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने इसे “लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन” बताया है, जबकि पुलिस का कहना है कि यह कदम “कानून-व्यवस्था बनाए रखने” के लिए उठाया गया।