रायपुर

CG News: छत्तीसगढ़ के बांधों को मरम्मत की दरकार… 28 बांध 50 साल से ज्यादा पुराने, 7 बांधों की उम्र 100 से अधिक

CG News: प्रदेश के कई गांवों के लोगों ने गांवों में ङ्क्षसचाई के लिए बनाए गए छोटे बांधों की मरम्मत और गहरीकरण के लिए आवेदन किए हैं, लेकिन इस ओर विभाग का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है।

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Sep 05, 2025
छत्तीसगढ़ के बांधों को मरम्मत की दरकार (Photo source- Patrika)

CG News: प्रदेश के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में लुत्ती बांध के टूटने से जनधन की हानि के बाद अब अन्य प्रमुख बांधों की स्थिति पर खतरा मंडराने लगा है। छत्तीसगढ़ में 28 बांधों की उम्र 50 वर्ष से अधिक हैं, जबकि 7 बांध 100 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं। इनकी सुरक्षा के लिए नियमित जांच व मरम्मत को लेकर अब चर्चा होने लगी है।

वहीं, आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। हाल ही में बांध सुरक्षा समिति ने प्रदेश के 5 बांधों को जर्जर स्थिति में शामिल किया है। इनकी निगरानी और रखरखाव पर जोर दिया है। इनमें दुधावा, मुरुमसिल्ली, रविशंकर सागर गंगरेल बांध, सोंदूर व रुद्री बैराज शामिल हैं।

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CG News: बांधों की मरम्मत के लिए बजट में राशि का प्रावधान

राज्य सरकार ने प्रदेश के 50 साल से अधिक उम्र वाले बांधों की मरम्मत के लिए राशि का प्रावधान बजट में किया है। पूर्व जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने भी विभागीय समीक्षा बैठक में भी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि पुराने बांधों की मरम्मत बरसात के पहले किया जाए, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो। लेकिन विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों की लापरवाही के चलते बांधों की मरम्मत तक नहीं हो पाई।

कोरबा में भी टूट चुका है राखड़़ बांध: बता दें कि कोरबा जिले में भी राखड़ बांध टूट चुका है। उस दौरान भी भारी नुकसान लोगों को उठाना पड़ा था।

ग्रामवासी आवेदन देकर थक गए, पर राशि स्वीकृत नहीं

प्रदेश के कई गांवों के लोगों ने गांवों में ङ्क्षसचाई के लिए बनाए गए छोटे बांधों की मरम्मत और गहरीकरण के लिए आवेदन किए हैं, लेकिन इस ओर विभाग का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। ग्रामवासियों का कहना है कि बांध का जब से निर्माण हुआ है, तब से आज तक न तो मरम्मत हुई और न ही गहरीकरण का कार्य किया गया है।

बांध के किनारे रहवासी दहशत में

लुत्ती बांध के टूटने से जनधन की हानि के बाद अब अन्य जिलों के बांधों के आसपास के रहवासी भी दहशत में आ चुके हैं। क्योंकि प्रदेश के अधिकांश बांधों में लगातार बारिश से लबालब पानी भरा हुआ है। ऐसे में लोगों को अब ङ्क्षचता सताने लगी है कि बांधों का निर्माण बहुत पुराना है। बांधों पर बनाए गए गेट और स्ट्रक्चर भी जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं, ऐसे में बांध कहीं टूट न जाए।

CG News: प्रमुख बांधों की स्थिति

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Updated on:
05 Sept 2025 08:54 am
Published on:
05 Sept 2025 08:53 am
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