रायपुर

CG Medical Student: अब तीन साल नहीं एक साल का आय प्रमाणपत्र अनिवार्य, MBBS छात्रों को मिली राहत

CG Medical Student: रायपुर शहर में मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए अब तीन साल का आय प्रमाणपत्र अनिवार्य नहीं है। एक साल का आय प्रमाणपत्र मान्य होगा। छात्रों को बड़ी राहत मिली है।

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Sep 05, 2024

CG Medical Student: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए अब तीन साल का आय प्रमाणपत्र अनिवार्य नहीं है। एक साल का आय प्रमाणपत्र मान्य होगा। तीन साल का आय प्रमाणपत्र मांगने के कारण विवाद हो रहा था। इसके कारण ओबीसी छात्रों का एडमिशन भी रुका हुआ था। बुधवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग कमेटी से कहा कि छात्रों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। ऐसे में जिनके पास तीन साल का प्रमाणपत्र नहीं है, ऐसे छात्रों से दो साल का एफिडेविट लिया जाए और प्रवेश दिया जाए। पहले राउंड की काउंसलिंग में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश का 5 सितंबर को आखिरी दिन है।

CG Medical Student: छात्रों को बड़ी राहत

CG Medical Student: पत्रिका ने 3 सितंबर के अंक में छात्रों को हो रही परेशानी को प्रमुखता से उठाया था और एमबीबीएस प्रवेश-सत्यापन में 3 साल का आय प्रमाणपत्र मांगने पर हो रहा विवाद शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद इस मामले को लेकर सीएमई, डीएमई व काउंसलिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में छात्रों को बड़ी राहत देते हुए एक साल का आय प्रमाणपत्र मान्य किया गया।

दरअसल प्रदेश के किसी भी तहसील तहसीलदार तीन साल का आय प्रमाणपत्र नहीं बना रहा था। यह प्रमाणपत्र बैक डेट बनवाया भी नहीं जा सकता। इस मामले में सबसे ज्यादा परेशानी ओबीसी के छात्र-छात्राओं को हो रही थी। दरअसल इसमें क्रीमीलेयर व नॉन क्रीमीलेयर का क्लॉज होता है। जिनकी आय सालाना 8 लाख या इससे कम हो, वहीं क्रीमीलेयर माना जाता और ओबीसी कोटे के तहत एडमिशन ले सकता है। इस विवाद के कारण सभी मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी छात्रों का एडमिशन अटक गया था।

एफिडेविट बनवाने कचहरी की ओर दौड़े पालक व छात्र

बुधवार की दोपहर साढ़े 12 बजे डीएमई की ओर से एक साल का आय प्रमाणपत्र व दो साल का एफिडेविट संबंधी आदेश स्क्रूटिनी कमेटी व नोडल अफसर को आया। इसकी जानकारी वहां प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे छात्रों को दिया गया। इसके बाद पैरेंट्स व छात्र कचहरी की ओर एफिडेविट बनवाने के लिए दौड़े। उधर दुर्ग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में अलग ही विवाद चल रहा था। वहां स्क्रूटिनी समिति के सदस्य छात्रों से च्वाइस सेंटर में बने तीनों साल का आय प्रमाणपत्र मांग रहे थे। कुछ छात्रों के पास दो साल का मेनुअल व एक साल का च्वाइस सेंटर में बना प्रमाणपत्र था। इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ। अब नए आदेश से विवाद खत्म हो गया है।

पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के लेक्चर हॉल में ओबीसी छात्र प्रवेश का इंतजार कर रहे थे। एडमिशन शुरू नहीं करने पर वे स्टाफ से विवाद भी करते नजर आए। एक पालक कह रहे थे कि उनके पास तीन साल का आय प्रमाणपत्र है। ऐसे में उनके बेटे को एडमिशन दिया जाए। इस पर स्टाफ कहता रहा कि डीएमई कार्यालय से नया आदेश आने वाला है। इसके बाद ही एडमिशन शुरू होगा। पत्रिका के सवाल पर पालक ने कहा कि वे एक-एक साल का आय प्रमाणपत्र पहले ही बनवाकर रख चुके थे। उन्हें उमीद थी कि उनके बेटे का नीट स्कोर अच्छा आएगा और किसी न किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हो जाएगा।

कॉलेज कुल सीटें आवंटित प्रवेश

नेहरू मेडिकल 230 184 147

बालाजी 150 91 54

रिस 150 86 39

रावतपुरा 150 78 34

Updated on:
05 Sept 2024 10:36 am
Published on:
05 Sept 2024 10:33 am
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