CG Nursing Colleges: कमीशन लागू होते ही काउंसिल के नियम बदल जाएंगे। केंद्र सरकार ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल की जगह अब नेशनल नर्सिंग व मिडवाइफरी कमीशन बना दिया है।
CG Nursing Colleges: राजस्थान हेल्थ साइंस विवि ने एक आदेश जारी कर कहा है कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल को नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण करने व मान्यता देने का अधिकार नहीं है। कुछ नर्सिंग कॉलेज विशेषज्ञों ने कहा है कि ऐसा ही आदेश प्रदेश में भी जारी होना चाहिए।
विवि ने आदेश में यह भी कहा है कि नर्सिंग कॉलेजों की सूची वेबसाइट में अपलोड करने का भी अधिकार आईएनसी को नहीं है। प्रदेश में आईएनसी को लेकर कुछ समय से विवाद है। प्रदेश के हैल्थ साइंस विवि ने सभी निजी कॉलेजों से आईएनसी से स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट लाने को कहा है। इसके बिना एफिलिएशन नहीं देने की बात भी कही गई है।
जिन कॉलेजों ने सुइटेबिलिटी सर्टिफिकेट नहीं दिया था, उन कॉलेजों का एफलिएशन रोक दिया गया था। वहीं, राजस्थान हैल्थ साइंस विवि ने सुप्रीम कोर्ट के 2017 के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि आईएनसी कॉलेजों का निरीक्षण नहीं कर सकती और न ही अपनी वेबसाइट पर कोई सामग्री अपलोड कर सकती है।
दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल की जगह अब नेशनल नर्सिंग व मिडवाइफरी कमीशन बना दिया है। यह न केवल सरकारी, बल्कि निजी नर्सिंग कॉलेजों पर शिकंजा कसेगा।
CG Nursing Colleges: विशेषज्ञों के अनुसार, कमीशन लागू होते ही काउंसिल के नियम बदल जाएंगे। अभी यह लागू नहीं हुआ है। प्रदेश में बीएससी नर्सिंग कोर्स संचालन करने वाले कॉलेजों की संख्या 129 व सीटों की संख्या 7226 हैं।
इन सीटों पर एडमिशन के लिए काउंसलिंग चल रही है। नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने व एडवांस पढ़ाई कराने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल लोकसभा में विधेयक पारित किया था।