CG Nursing Course: जीरो परसेंटाइल वालों को एडमिशन के कारण इस बार बीएससी नर्सिंग फर्स्ट सेमेस्टर में 48 फीसदी छात्राएं फेल हो गई हैं। घटिया रिजल्ट का दूसरा कारण ये भी रहा कि कोर्स में प्रवेश 29 फरवरी तक हुआ और परीक्षा मई में हुई। इस कारण भी छात्राएं कोर्स पूरा पढ़ नहीं पाईं और फेल हो गईं।
निजी नर्सिंग कॉलेजों के अनुरोध पर पिछले साल बार-बार एडमिशन की आखिरी तारीख बढ़ाई गई थी। इस कारण 31 अक्टूबर के बजाय फरवरी तक छात्राओं को एडमिशन दिया गया। पं. दीनदयाल उपाध्याय हैल्थ साइंस विवि ने बीएससी फर्स्ट सेमेस्टर का रिजल्ट किया है। परीक्षा में 5237 छात्राएं शामिल हुईं थी। इसमें महज 2731 स्टूडेंट पास हुए हैं।
फर्स्ट सेमेस्टर का रिजल्ट इतना खराब पहली बार नहीं आया है। जब से जीरो (CG Nursing Course) परसेंटाइल से प्रवेश शुरू हुआ है, तब से रिजल्ट घटिया आ रहा है। जब प्रदेश में दो साल पहले सेमेस्टर प्रणाली से परीक्षा शुरू हुई, तब से रिजल्ट खराब आ रहा है।
पहली बार रिजल्ट में केवल 42 फीसदी छात्राएं पास हुईं थीं। इसके बाद अधिकतम रिजल्ट 58 फीसदी रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक जीरो परसेंटाइल (zero percentile) से एडमिशन होता रहेगा, रिजल्ट ऐसा ही आता रहेगा।
पिछले साल 31 अक्टूबर के बाद 30 नवंबर तक प्रवेश की तारीख बढ़ाई गई। फिर अचानक ढाई माह बाद इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने एडमिशन (CG Nursing Course) की आखिरी तारीख 29 फरवरी तय कर दी थी।
जीरो परसेंटाइल से प्रवेश के नियम के बाद भी निजी कॉलेजों ने 61 अपात्रों को प्रवेश दे दिया था। इसकी जानकारी होने के बाद डीएमई कार्यालय ने इसे रद्द कर दिया। एक-एक एडमिशन की जांच की गई तो अपात्र छात्राओं के नाम का खुलासा हुआ।
जीरो परसेंटाइल का मतलब ये है कि जिन छात्राओं को व्यापमं के एंट्रेंस एग्जाम में शून्य अंक मिला है तो वह एडमिशन के लिए पात्र होगा। निजी नर्सिंग कॉलेजों ने एकजुट होकर जीरो परसेंटाइल से एडमिशन देने की मांग की थी। जबकि तत्कालीन डीएमई डॉ. विष्णु दत्त ने यह मांग ठुकरा दी थी।
उन्होंने शासन के एक आदेश का हवाला दिया था, जिसमें जीरो परसेंटाइल (zero percentile) से एडमिशन देने से नर्सिंग की क्वालिटी पर असर पड़ने की बात कही गई थी। इसके बाद कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन ने डीएमई के पत्र को परे रखते हुए शासन की अनुमति पर जीरो परसेंटाइल से एडमिशन देने की मंजूरी दे दी।
CG Nursing Course: फरवरी के पहले प्रदेश के निजी नर्सिंग कॉलेजों में 2960 सीटें खाली थीं। एडमिशन की आखिरी तारीख बीतने के बाद 859 सीटें खाली रह गईं। फरवरी में जो भी एडमिशन हुआ। एंट्रेंस एग्जाम में जीरो परसेंटाइल (zero percentile) वाले थे।
इस कारण कम नंबर वाले नर्सिंग का फर्स्ट सेमेस्टर पास नहीं कर सके। प्रदेश में बीएससी नर्सिंग वाले 125 से ज्यादा कॉलेज हैं। सरकारी कॉलेज 8 है, जहां अच्छे नंबर वाली छात्राओं का एडमिशन हुआ है।
बीएससी नर्सिंग की 2960 खाली सीटों को भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू होगा। इनमें केवल 2 सीट सरकारी नर्सिंग कॉलेज कवर्धा व बाकी निजी कॉलेजों की सीटें हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर...
पिछले कुछ सालों में बीएससी नर्सिंग कोर्स करने में युवतियों में रूचि काफी बढ़ी है। इसका मुख्य कारण हेल्थ सेक्टर में निजी और शासकीय अस्पतालाें में आसानी से मिलने वाली नर्स की नौकरी है। यहां पढ़ें पूरी खबर...
Updated on:
28 Aug 2024 02:04 pm
Published on:
28 Aug 2024 02:03 pm