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Year Ender 2025: पहलगाम आतंकी हमले से दहला देश, रायपुर के कारोबारी समेत 26 को मारी गई गोली, PM के एक्शन से लेकर सीजफायर तक पूरी रिपोर्ट

Year Ender 2025: 2025 में हुए आतंकी हमलों ने न सिर्फ़ देश को शोक में डुबो दिया, बल्कि पूरी दुनिया को भी झकझोर कर रख दिया। इन्हीं में सबसे भयावह था अप्रैल 2025 में हुआ पहलगाम आतंकी हमला, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई।

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Year Ender 2025: पहलगाम आतंकी हमले से दहला देश, रायपुर के कारोबारी समेत 26 को मारी गई गोली, PM के एक्शन से लेकर सीजफायर तक पूरी रिपोर्ट

पहलगाम आतंकी हमले से दहला देश (फोटो सोर्स - AI)

Year Ender 2025: दिसंबर का महीना चल रहा है और कुछ ही दिनों में साल 2025 इतिहास बन जाएगा। लेकिन यह साल भारत के लिए कई गहरे ज़ख्म छोड़ गया। 2025 में हुए आतंकी हमलों ने न सिर्फ़ देश को शोक में डुबो दिया, बल्कि पूरी दुनिया को भी झकझोर कर रख दिया। इन्हीं में सबसे भयावह था अप्रैल 2025 में हुआ पहलगाम आतंकी हमला, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस हमले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी दिनेश मिरानिया भी शहीद हुए।

दुनिया भर के देशों ने इस कायराना हमले की कड़ी निंदा की, वहीं भारत ने पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सख़्त रुख अपनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए जवाबी कार्रवाई की। आइए यहां जानें क्या-क्या हुआ था…

पहलगाम हमला: क्या हुआ था उस दिन

अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर कश्मीर की पहलगाम घाटी 22 अप्रैल 2025 को खून से लाल हो गई। पहलगाम से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित बैसरन घाटी में दोपहर 1 बजे से 1:30 बजे के बीच आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। उस वक्त घाटी में सैकड़ों पर्यटक छुट्टियों का आनंद ले रहे थे।

जानकारी के अनुसार, पांच आतंकवादी जंगल के रास्ते घाटी तक पहुंचे थे। उन्होंने सैन्य वर्दी पहन रखी थी, ताकि किसी को शक न हो। हमले वाली जगह पर न तो सेना की तैनाती थी और न ही सीसीटीवी कैमरे मौजूद थे। इसी का फायदा उठाकर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस बर्बर हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय घोड़ा संचालक शामिल था।

धर्म पूछकर लोगों को बनाया गया निशाना

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकियों ने गोली चलाने से पहले लोगों से उनका नाम और धर्म पूछा। कई पीड़ितों से कलमा पढ़ने को कहा गया। आतंकियों ने खासतौर पर हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, हालांकि हिंसा इतनी अंधी थी कि कोई भी सुरक्षित नहीं रहा। यह हमला किसी एक समुदाय पर नहीं, बल्कि इंसानियत और शांति के विचार पर सीधा हमला था। कई पीड़ितों को बेहद नजदीक से गोली मारी गई। घटनास्थल से सामने आए वीडियो में खून से लथपथ शव जमीन पर पड़े दिखे और घायल लोग मदद के लिए चीखते नज़र आए। आतंकियों ने अपने कंधों पर लगे कैमरों से पूरी वारदात को रिकॉर्ड किया, जिसकी भयावह तस्वीरें बाद में सामने आईं।

छत्तीसगढ़ के दिनेश मिरानिया की दर्दनाक हत्या

इस हमले की सबसे हृदयविदारक घटनाओं में से एक थी रायपुर के कारोबारी दिनेश मिरानिया की हत्या। वे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। आतंकियों ने उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ही उन्हें गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल दिनेश मिरानिया ने बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शहीद हुए। उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल की वह तस्वीर, जिसमें वे अपने पति के पार्थिव शरीर के पास बैठी थीं, पूरे देश की आंखें नम कर गई।

कश्मीरी नागरिक की बहादुरी

इस हमले के बीच कश्मीरियत की मिसाल भी देखने को मिली। स्थानीय शिया मुस्लिम युवक सैयद आदिल हुसैन शाह ने एक आतंकी से राइफल छीनकर पर्यटकों को बचाने की कोशिश की। इस साहसिक प्रयास में आदिल हुसैन शाह शहीद हो गए। उनकी बहादुरी को देश हमेशा याद रखेगा।

हमले की जिम्मेदारी और जांच

इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी ग्रुप ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ ने ली, हालांकि बाद में उसने इससे इनकार कर दिया। हमले के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के पटना में एक जनसभा के दौरान पाकिस्तान को इस साजिश का जिम्मेदार ठहराया और कड़ा जवाब देने का ऐलान किया। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई।

भारत की जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर

पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाया। 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदला लेने का संकल्प लिया, जिसे 13 दिन बाद अमल में लाया गया। 6 मई की आधी रात के बाद, 7 मई की शुरुआत होते ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया।

थलसेना, वायुसेना और नौसेना- तीनों सेनाओं ने मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिए लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को नष्ट किया गया। इस कार्रवाई में करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की खबरें सामने आईं। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि सेना की ओर से जानकारी दो महिला अधिकारियों आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने साझा की थी। दोनों ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग कर देश को हर अपडेट दिया था।

13 मई से दोनों देशों के बीच सीजफायर

ऑपरेशन सिंदूर के बाद 10 मई तक भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव जारी रहा। पाकिस्तान ने सीमा से सटे भारतीय इलाकों में ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। आखिरकार 13 मई को दोनों देशों के बीच संघर्षविराम (सीज़फायर) पर सहमति बनी।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत सरकार के कड़े फैसले

सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ भारत सरकार ने कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान के खिलाफ सख़्त फैसले लिए। सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया, पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया और पाकिस्तानी राजनयिकों को भी देश से वापस भेजा गया। इसके अलावा पाकिस्तान के लिए भारतीय हवाई और समुद्री क्षेत्र बंद कर दिए गए। भारत ने दुनिया भर में प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को संरक्षण देने की पोल भी खोली।

2025 का सबसे भयावह आतंकी हमला

पहलगाम आतंकी हमला 2025 का सबसे दर्दनाक और भयावह हमला बनकर इतिहास में दर्ज हो गया। इस हमले ने देश को गहरे ज़ख्म दिए, लेकिन साथ ही आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता, साहस और निर्णायक शक्ति को भी दुनिया के सामने मजबूती से रखा।