
आयुष्मान योजना (photo source- Patrika)
Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी व निजी अस्पतालों में चल रहे कैशलेस इलाज में बैक डेट की अवधि घटा दी गई है। इससे जरूरतमंद मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। दरअसल पहले मरीजों का 5 दिन बैक डेट से इलाज हो जाता था। अब इसे घटाकर तीन दिन कर दिया गया है। इससे दूरदराज व इमरजेंसी में अस्पताल आने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। कई निजी अस्पतालों में विवाद की स्थिति भी बन रही है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल आयुष्मान भारत योजना से इलाज के नियमों में बड़ा बदलाव किया था। दरअसल सरकारी व निजी अस्पताल प्रबंधन भी कार्ड लाने की प्रत्याशा में मरीजों का फ्री इलाज शुरू कर देता है। पहले मरीज के भर्ती होने के 120 घंटे बाद भी मरीज का आयुष्मान में पंजीयन हो जाता था। अब इसके लिए केवल 72 घंटे मिल रहा है, जिससे विवाद होने लगा है।
हालांकि कई अस्पतालों में आधार नंबर के आधार पर इलाज शुरू किया जा रहा है, लेकिन कुछ अस्पताल कार्ड लाने की डिमांड कर रहे हैं। प्रदेश के 1026 सरकारी व 553 निजी अस्पतालों में आयुष्मान यानी शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य योजना के तहत बीपीएल परिवारों का 5 लाख तक व एपीएल परिवार का सालाना 50 हजार रुपए तक फ्री इलाज किया जा रहा है। 95 फीसदी से ज्यादा कार्डधारी अस्पतालों में फ्री इलाज करवा रहे हैं। यही कारण है कि नियमों में जरा से बदलाव से अच्छे खासे मरीज प्रभावित होते हैं।
राजधानी व कस्बाई इलाकों के कुछ निजी अस्पताल योजना के तहत इलाज में मनमानी कर रहे हैं। निजी अस्पतालों की ऐसी मनमानी सामने आ रही है, जो सोच से परे है। जैसे अस्पताल में सुविधा न होते हुए भी बड़े पैकेज ब्लॉक करना, गैरजरूरी तरीके से अधिक राशि वाले पैकेज क्लेम करना, ओपीडी के मरीज को भर्ती दिखाकर पैकेज ब्लॉक करना। ये तो केवल उदाहरण है। पैसे कमाने के लिए ये कुछ निजी अस्पताल ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं, जिससे स्टेट नोडल एजेंसी (एसएनए) के अधिकारी भी भौंचक है। यानी अस्पताल ऐसे भी कर सकते हैं, ऐसा अधिकारी सोच भी नहीं सकते। एसएनए से कुछ माह पहले ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी।
आयुष्मान भारत योजना में प्रदेश में प्रतिदिन 1700 के आसपास कैशलेस इलाज का क्लेम किया जा रहा है। रोजाना 4 करोड़ रुपए का फ्री इलाज किया जा रहा है। योजना सरकारी व निजी अस्पतालों में चल रही है। सितंबर में 400 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि जारी होने के बाद आईएमए ने सभी निजी अस्पतालों को योजना के तहत मरीजों का कैशलेस इलाज करने को कहा था। योजना से इलाज बंद करने की योजना थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अस्पताल रेट रिवाइज व समय पर भुगतान करने की मांग लगातार कर रहे हैं।
सभी अस्पतालों को नियमानुसार बैक डेट से मरीजों का कैशलेस इलाज करने को कहा गया है। जो मरीज आयुष्मान कार्ड नहीं ला पाते, उनके लिए भी यह प्रयास किया जा रहा है कि फ्री इलाज हो जाए। - डॉ. मिथलेश चौधरी, सीएमएचओ रायपुर जिला
Published on:
14 Dec 2025 01:46 pm
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