CGMSC scam: खुले बाजार में 5 लाख रुपए में मिलने वाली सीबीसी मशीनों का ठेका हेरफेर की गई निविदा शर्तों के तहत सीजीएमएससीएल को 17 लाख रुपए प्रति मशीन के हिसाब से खरीदी गई।
CGMSC scam: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस (सीजीएमएसी) में हुए 660 करोड़ रुपए के घोटाले में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ पूर्व अफसरों की भूमिका संदिग्ध रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दुर्ग के मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान इसके दस्तावेज मिले हैं। वहीं, पूछताछ के दौरान शशांक ने सीजीएमएससी में हुई खरीदी और निविदा प्रक्रिया में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका का ब्योरा दिया है।
इसके बाद जांच का दायरा तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूर्व में पदस्थ अफसर को जांच के दायरे में लिया गया है। बताया जाता है कि उक्त सभी को समंस जारी कर पूछताछ के साथ बयान दर्ज किया जा रहा है। उक्त लोगों की सीजीएमएससीएल के डायग्नोस्टिक आपूर्ति करने वाले मोक्षित कॉर्प, सीबी कॉर्पोरेशन, रेकॉर्डर्स एंड मेडिकेयर सिस्टम (पंचकूला), श्री शारदा इंडस्ट्रीज, सीजीएमएससीएल तथा स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों को बड़े पैमाने पर सार्वजनिक खरीद धोखाधड़ी में सह-साजिशकर्ता में शामिल होने के इनपुट मिले हैं।
दस्तावेजों में आपूर्तिकर्ताओं ने अभिकर्मकों की कीमतें बढ़ाने, दर अनुबंधों का फायदा उठाने और प्रशासनिक एवं बजटीय जांचों को दरकिनार करने के लिए मिलीभगत की। इसकी पुष्टि होने के बाद ईडी ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। बता दें कि शशांक को एसीबी ने जनवरी 2025 में गिरफ्तार कर पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया है।
मोक्षित कॉर्प से 2352 रुपए की दर से खरीदी गई इंडीटीए ट्यूबों का बाजार मूल्य 8.50 रुपये आंका गया था। खुले बाजार में 5 लाख रुपए में मिलने वाली सीबीसी मशीनों का ठेका हेरफेर की गई निविदा शर्तों के तहत सीजीएमएससीएल को 17 लाख रुपए प्रति मशीन के हिसाब से खरीदी गई। बिना किसी विनिर्माण ईकाई या अस्पताल के स्तरीय उत्पादन आधार नहीं होने के बाद भी मोक्षित को ठेका दिया गया था।
ईडी की एफआईआर में बताया गया है कि किस तरह से सीजीएमएससीएल ने संवेदनशील डायग्नोस्टिक रिएजेंट्स के लिए कोल्ड स्टोरेज मानदंडों को दरकिनार कर बिना बजट मंजूरी या तकनीकी आवश्यकता के ऑर्डर जल्दबाज़ी में दिए गए। जबकि 300 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के रिएजेंट कथित तौर पर 200 से ज्यादा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना इस्तेमाल के रखे गए थे। बता दें कि इस घोटाले में शशांक चोपडा़ और उनके परिजनों के नाम 40 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है।
CGMSC scam: सीजीएमएसी घोटाले में जल्द ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर शिकंजा कसेगा। इस घोटाले की जांच के दौरान मिल रहे इनपुट के आधार पर संदेह के दायरे में आने वालों को तलब किया जा रहा है। साथ ही उनके बयान दर्ज कर उनसे मिली जानकारी के आधार पर अन्य लोगों को बुलवाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले में जल्द ही कुछ लोगों की भूमिका तय कर गिरतारी के बाद पूरक चालान पेश किया जाएगा।