रायपुर

Chhattisgarh News: अब गर्भाशय निकालने वाली सर्जरी की होगी निगरानी, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया आदेश

CG Uterus Removal case: प्रदेश में गर्भाशय कांड हो चुका है। कुछ डॉक्टरों ने पैसे के लालच में कैंसर का भय दिखाकर महिलाओं के गर्भाशय तक निकाल डाले..

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Jul 10, 2024

Chhattisgarh News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में अनावश्यक गर्भाशय निकालने (हिस्ट्रेक्टॉमी) की सर्जरी की मॉनीटरिंग की जाएगी। इसके लिए मंगलवार को 16 सदस्यीय राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। एसीएस हैल्थ मनोज पिंगुआ समिति के अध्यक्ष होंगे। प्रदेश में गर्भाशय कांड हो चुका है। कुछ डॉक्टरों ने पैसे के लालच में कैंसर का भय दिखाकर महिलाओं के गर्भाशय तक निकाल डाले। हालांकि इस घटना के बाद अनावश्यक सर्जरी में कमी आई है, लेकिन अभी भी कुछ डॉक्टर निशाने पर हैं।

CG Uterus Removal case: हिस्ट्रेक्टॉमी की मॉनीटरिंग के लिए हर 6 माह में समिति की बैठक होगी। इसमें जिलेवार हिस्ट्रेक्टॉमी के आंकड़ों की समीक्षा की जाएगी। आंकड़ों को देखकर ये बता लगाया जा सकेगा कि कहीं महिलाओं के गर्भाशय अनावश्यक तो नहीं निकाले जा रहे हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में सर्जरी करने वाले डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी रखा जाएगा। ताकि हिस्ट्रेक्टॉमी की गाइडलाइन के बारे में बताया जा सके।

Chhattisgarh news: पत्रिका ने विशेषज्ञों से बातचीत की तो पता चला कि अनियंत्रित ब्लीडिंग, भयानक दर्द, कैंसर की आशंका हो, तभी गर्भाशय निकालना चाहिए। महिला की उम्र 40 साल से ज्यादा हो। ऐसी स्थिति में गर्भाशय निकाला जा सकता है। इसमें मरीज की सहमति भी जरूरी है। हालांकि कुछ डॉक्टरों का दावा है कि कई बार महिलाएं परेशान होकर गर्भाशय निकालने खुद ही कहती हैं।

CG Uterus Removal case: प्रदेश में चर्चित रहा है गर्भाशय कांड डॉक्टरों के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई

2011-12 में अभनपुर क्षेत्र व राजधानी के कुछ गायनेकोलॉजिस्ट व जनरल सर्जन कैंसर का भय दिखाकर महिलाओं का गर्भाशय निकालते थे। तब यह राष्ट्रीय व मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के पैकेज में शामिल था। पैसे के लालच में कुछ डॉक्टरों ने ऐसे केस को अंजाम दिया था। उसके बाद से स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड से निजी अस्पतालों के पैकेज से बाहर कर दिया गया। कुछ ऐसे ही सीजेरियन डिलीवरी, मोतियाङ्क्षबद व दांत के इलाज को पैकेज से बाहर कर दिया गया। इसमें भी कई डॉक्टरों ने योजना का गलत तरीके से फायदा उठाया।

Chhattisgarh Health News: समिति में ये

एसीएस हैल्थ, कमिश्नर हैल्थ व मेडिकल एजुकेशन, डायरेक्टर हैल्थ व मेडिकल एजुकेशन, डायरेक्टर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, एमडी एनएचएम, डिप्टी डायरेक्टर मेटरनिटी प्रोग्राम, डिप्टी डायरेक्टर परिवार कल्याण, डिप्टी डायरेक्टर नर्सिंग होम एक्ट, डिप्टी डायरेक्टर एमसीडी, डिप्टी डायरेक्टर एसएनए, रजिस्ट्रार छग मेडिकल काउंसिल, एचओडी गायनी नेहरू मेडिकल कॉलेज व कुछ अन्य।

Updated on:
10 Jul 2024 01:12 pm
Published on:
10 Jul 2024 01:11 pm
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