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छत्तीसगढ़ के किसान का कमाल… खेती में नए प्रयोग से बने कृषि उद्यमी, हो रही लाखों की कमाई

CG Farmer: छत्तीसगढ़ के किसान खेती किसानी में नवाचार लाकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। सारंगढ-बिलाईगढ़ जिले के मुकेश चौधरी ने नया प्रयोग कर कृषि उद्यमी के रूप में पहचान बनाई है..

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नवाचार खेती से बने सफल कृषि उद्यमी ( Photo - Patrika )

CG Farmer: खेती किसानी में नई नई तकनीक का इस्तेमाल कर किसानों अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं। बंपर पैदावार से लाखों की कमाई भी हो रही है। छत्तीसगढ़ के सारंगढ-बिलाईगढ़ जिले के विकासखंड बरमकेला अंतर्गत ग्राम नवापाली के प्रगतिशील किसान मुकेश चौधरी ने नवाचार और आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाकर खेती की पारंपरिक सोच को नई दिशा दी है। किसान ने ड्रिप पद्धति से धान और मिर्ची की खेती कर वे हर लाखों रुपए की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं और आज एक सफल कृषि उद्यमी के रूप में पहचान बना चुके हैं।

CG Farmer: 2 एकड़ भूमि से शुरू की पारंपरिक खेती

किसान चौधरी ने बताया कि वर्ष 2011 में उन्होंने दो एकड़ भूमि पर मिर्ची की खेती पारंपरिक विधि से प्रारंभ की थी। इसी दौरान उद्यान रोपणी केंद्र नदीगांव के तत्कालीन वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक सुरेन्द्र पटेल से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिससे उन्हें ड्रिप पद्धति से खेती करने की जानकारी मिली। इसके पश्चात वर्ष 2013 में बरमकेला ब्लॉक में पहली बार ड्रिप तकनीक से खेती की शुरुआत की।

ड्रिप के जरिए संतुलित मात्रा में सिंचाई

ड्रिप पद्धति के अंतर्गत खेतों की गहरी जुताई कर मेड निर्माण, लेटरल पाइप बिछाना एवं मल्चिंग का उपयोग करते हुए मिर्ची की रोपाई की गई। ड्रिप के माध्यम से संतुलित मात्रा में सिंचाई, खाद एवं दवा देने से उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और मिर्ची की उपज लगभग दोगुनी हो गई। बेहतर परिणाम मिलने पर चौधरी ने धान की खेती का रकबा कम कर मिर्ची की खेती को बढ़ाया और वर्तमान में लगभग 12 एकड़ भूमि पर मिर्ची की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आय हो रही है।

अन्य किसानों के लिए बने प्रेरणास्रोत

किसान मुकेश चौधरी की सफलता को देखकर क्षेत्र के खिंचरी, बांजीपाली, बेंद्रापारा, रिसोरा, नूनपानी, लिंजिर और प्रधानपुर सहित आसपास के गांवों के अनेक किसान भी धान के साथ मिर्ची एवं साग-सब्जी की खेती ड्रिप पद्धति से करने लगे हैं।

डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार से सम्मानित

खेती-किसानी में नवाचार, जैविक एवं समन्वित खेती को अपनाने के लिए वर्ष 2021 में राज्य सरकार द्वारा मुकेश चौधरी को डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने धान की खेती में जैविक खाद के साथ-साथ दलहन–तिलहन फसलों में उड़द, मूंग एवं मिर्ची की खेती की। पुरस्कार स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो एवं दो लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। इस सम्मान से उनका उत्साह बढ़ा और कृषि कार्यों में और अधिक विस्तार हुआ।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, बीआरसी के रूप में मिली जिम्मेदारी

प्राकृतिक खेती के लिए बीआरसी नियुक्त

इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा मुकेश चौधरी को प्राकृतिक खेती के लिए बीआरसी नियुक्त किया गया है। उनके साथ टिकेश्वरी महापात्र (जलाकोना) और खेल कुमारी (धौंरादरहा) को भी बीआरसी बनाया गया है। विभाग द्वारा रायपुर एवं बरगढ़ (ओडिशा) में प्रशिक्षण दिलाकर अब ये तीनों बीआरसी जलाकोना, धौंरादरहा, करपी, जामदलखा सहित दर्जनों गांवों के किसानों को प्राकृतिक संसाधनों से खाद निर्माण एवं बीज उपचार की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसान मुकेश चौधरी द्वारा मिर्ची की खेती के साथ प्राकृतिक खेती लगातार की जा रही है और उन्हें राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उनकी यह पहल क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणादायक साबित हो रही है।