
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स तेजी से हायरिंग कर रहे हैं। (PC: Gemini)
Jobs in IT Sector: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स यानी GCCs आईटी सर्विस कंपनियों की तुलना में 4 गुना अधिक रफ्तार से टेक टैलेंट की भर्ती कर रहे हैं। यह पिछले एक दशक में भारत के आईटी सेक्टर में जॉब्स से जुड़ा सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स का नाम आपने सुना होगा। ये मल्टीनेशनल कंपनीज की पूर्ण स्वामित्व वाली ऑफशोर यूनिट्स होती हैं। आईटी, आरएंडडी, फाइनेंस और कस्टमर सर्विस जैसे कामों को आउटसोर्स करने की बजाय इन यूनिट्स द्वारा इन-हाउस ही कराया जाता है। भारत जैसी जगहों पर ये यूनिट्स स्थापित कर स्पेशलाइज्ड टैलेंट का फायदा उठाया जाता है। इससे लागत घटती है और इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है। भारत के जीसीसी एयरोस्पेस, डिफेंस, सेमीकंडक्टर, इंजीनियरिंग आरएंडडी, इनोवेशन सेंटर्स और ग्लोबल ऑपरेशंस में रणनीतिक भूमिका निभा रहे हैं।
स्टाफिंग फर्म टीमलीज डिजिटल के आंकड़ों के मुताबिक, GCCs में कर्मचारियों की संख्या सालाना आधार पर 18 से 27% की दर से बढ़ रही है। जबकि आईटी सर्विसेज कंपनियों में यह बढ़ोतरी सिर्फ 4 से 6% के बीच है।
साल 2022 में GCCs में कर्मचारियों की संख्या 12 लाख थी, जो 2025 में 20 लाख पर पहुंच गई। इस तरह हर साल लगभग 3 लाख नई नौकरियां पैदा हो रही हैं। दूसरी तरफ आईटी सर्विस कंपनीज में 2022 में 55 लाख नौकरियां थीं, जो 2025 में 56 लाख हो गईं। इस तरह यहां सालाना सिर्फ 25 से 40 हजार कर्मचारियों की ही बढ़ोतरी हुई है।
टीमलीज डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा ने बताया कि यह अब तक का सबसे बड़ा अंतर है। भर्ती की ग्रोथ में 20% से ज्यादा का फासला दिख रहा है। उन्होंने बताया कि GCCs में डिमांड मुख्य रूप से एआई, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग जैसे सेक्टर्स में है, जहां गहरी डोमेन एक्सपर्टीज की जरूरत होती है।
यह तेजी वैश्विक कंपनियों की उस रणनीति से आ रही है, जिसमें वे उन कामों को अपने GCCs के जरिए इन-हाउस कर रही हैं, जो कभी भारत के आउटसोर्सिंग बूम का आधार थे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह ट्रेंड और मजबूत होगा, क्योंकि ज्यादा मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में GCCs स्थापित कर रही हैं।
कंपनियां अब GCCs में हाई-स्किल, मल्टी-डिसिप्लिनरी इन-हाउस टीमों को प्राथमिकता दे रही हैं। जिन कामों में आईपी ओनरशिप, स्पीड, सिक्योरिटी और गहरी डोमेन समझ चाहिए, उन्हें आउटसोर्स करने के बजाय इन-हाउस ही किया जा रहा है। इस साल 90 से ज्यादा नई कंपनियों ने भारत में GCCs स्थापित किए हैं, जबकि 150 से ज्यादा मौजूदा सेंटर्स ने अपना विस्तार किया है।
जीसीसी प्रोजेक्ट्स के निर्माण और प्रबंधन से जुड़ी फर्म ANSR के को-फाउंडर विक्रम आहूजा के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में इससे करीब 1.6 लाख नई GCC नौकरियां पैदा होने का अनुमान है। साथ ही वित्त वर्ष 2026 में यह आंकड़ा 2 लाख के पार जाने का अनुमान है। वहीं, देश की टॉप-5 आईटी सर्विसेज कंपनियों ने FY25 के पहले 9 महीनों में सिर्फ 11,000 कर्मचारी जोड़े हैं।
हालांकि, अभी भी आईटी सर्विसेज कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या GCCs से लगभग दोगुनी हैं, लेकिन यह अंतर तेजी से घट रहा है। GCC अब देश में टेक जॉब क्रिएशन का मुख्य इंजन बनता जा रहा है।
Updated on:
17 Dec 2025 10:56 am
Published on:
17 Dec 2025 10:42 am
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