CG Crime: बदमाशों ने बड़ी संख्या में मोबाइल चोरी कर उससे अपने खातों में राशि ट्रांसफर की थी। मंगलवार को कंट्रोल रुम में पुलिस ने मामले का खुलासा किया। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
CG Crime: मोबाइल चोरी कर उससे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने वाले बदमाशों को रायपुर पुलिस ने पश्चिम बंगाल और झारखंड से गिरफ्तार किया है। शातिर बदमाशों का गैंग तीन अलग-अलग ग्रुपों में काम करता था। पहला ग्रुप का काम मोबाइल चोरी करना, दूसरे ग्रुप का काम मोबाइल से खातों में ऑनलाइन पेमेंट करना और तीसरे ग्रुप का काम एटीएम के माध्यम से पैसे निकालने का था। बदमाशों ने बड़ी संख्या में मोबाइल चोरी कर उससे अपने खातों में राशि ट्रांसफर की थी। मंगलवार को कंट्रोल रुम में पुलिस ने मामले का खुलासा किया। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रांजेक्शन की बात सामने आयी है।
पुलिस ने बताया कि मोबाइल चोरी होने के बाद पीड़ितों के खाते से ऑनलाइन रकम का ट्रांसफर किया गया था। इसकी शिकायत पुलिस को मिलने पर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की साइबर विंग को जांच सौंपी गई। साइबर विंग ने पता लगाया कि चोरी के मोबाइल से जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई उन खातों से एटीएम के जरिए कोलकाता में पैसे निकाले गए हैं।
पुलिस को पता चला कि यह खाते पश्चिम बंगाल से ऑपरेट हो रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने कोलकाता पहुंचकर मुकेश कुमार के बैंक खाता एवं बैंक खाता में रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर का उपयोग करने वाले शेख सुलेमान उर्फ राजन एवं अंकित शर्मा को पकड़ा। उनसे पूछताछ में टीम के सदस्यों को पश्चिम बंगाल एवं साहेबगंज झारखंड से बदमाशों की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने गिरोह के अन्य 4 आरोपी यासीन कुरैशी, विकास महतो, पिन्टू मोहले एवं सागर मंगल को पकड़ा। उनके कब्जे से प्रकरण से 10 मोबाइल, 1 लाख रुपए नकद, 10 एटीएम कार्ड जब्त किए गए।
पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी झारखंड और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। यह बदमाश गैंग बनाकर वारदात को अंजाम दे रहे थे। आरोपी इतने शातिर हैं कि यह मोबाइल चुराने के लिए भीड़भाड़ वाली जगह को चुनते। आसान शिकार देखकर वह मोबाइल चोरी करते और वह मोबाइल अपने गैंग के दूसरे साथियों तक पहुंचा देते। इसके बाद गैंग का दूसरा ग्रुप उस मोबाइल का लॉक तोड़कर ऑनलाइन पेमेंट अपने खातों में कर लेता। खाते में राशि पहुंचते ही बदमाशों का तीसरा ग्रुप सक्रिय होता और एटीएम से पैसे निकालने का काम करता। इसके बाद यह आपस में रकम बांट लेते थे।