Gupt Navratri 2025: रायपुर में तपस्या, शक्ति और देवी आराधना के विशेष अवसर गुप्त नवरात्र का शुभारंभ गुरुवार से हो गया। 26 जून को प्रतिपदा रही।
Gupt Navratri 2025: छत्तीसगढ़ के रायपुर में तपस्या, शक्ति और देवी आराधना के विशेष अवसर गुप्त नवरात्र का शुभारंभ गुरुवार से हो गया। 26 जून को प्रतिपदा रही। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्रि आती है, एक बार माघ मास में और दूसरी बार आषाढ़ मास में। यह विशेष रूप से साधना, तंत्र-विद्या और विशेष अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि के पहले दिन से ही साधक मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना में लीन रहे। मंदिरों में अनुष्ठानों की गूंज के साथ अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित हुई। गुप्त नवरात्रि में तंत्र, मंत्र और सिद्धि की साधना का विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि इस नवरात्र में साधक एकांत स्थानों में रहकर गुप्त अनुष्ठान करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान देवी के गुप्त रूपों की साधना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
रायपुर के महामाया मंदिर में शतचंडी महायज्ञ के पहले दिन कलश एवं शोभा यात्रा निकाली गई, जो श्री बुढेश्वर महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर क्षेत्र भ्रमण कर महायज्ञ प्रागंण पहुंची। पंडित सच्चिदानंद तिवारी यज्ञाचार्य के द्वारा श्री शतचण्डी महायज्ञ एवं सवा लक्ष्य नवार्णजप अनुष्ठान किया जा रहा है। यहां 30 जून तक सैकड़ों श्रद्धालु आहुतियां देकर यज्ञशाला की परिक्रमा कर मन्नतें मांगेंगे।
मां महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।
गुप्त नवरात्रि पर्व में साधक तांत्रिक पूजन से मां भगवती की आराधना करके प्रसन्न करते हैं। गुप्त नवरात्रि में भगवती मां जगदम्बा की आराधना कर श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है और विशेष मंत्रों का जप किया जाता है, स्वयं न कर सकें तो अपने योग्य आचार्य पंडित से करा सकते हैं।
27 जून द्वितीया
28 जून तृतीया
29 जून चतुर्थी
30 जून षष्ठी
1 जुलाई अष्टमी
2 जुलाई नवमी
3 जुलाई दशमी