Mahadev Satta App: सौरभ चंद्राकर से संबंधित दस्तावेजों और सूचनाओं का ब्यौरा केन्द्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को सौंपा गया है। इसके आधार पर सौरभ को भारत लाने में मदद मिलेगी
Mahadev Satta App: महादेव ऑनलाइन सट्टा के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद प्रत्यर्पण के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम डोजियर लेकर दिल्ली पहुंच गई है। जहां सौरभ चंद्राकर से संबंधित दस्तावेजों और सूचनाओं का ब्यौरा केन्द्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को सौंपा गया है। इसके आधार पर सौरभ को भारत लाने में मदद मिलेगी।
Mahadev Satta App: राज्य पुलिस के अफसरों का कहना है कि सौरभ के प्रत्यर्पण में समय लग सकता है। दोनों देशों के विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच चर्चा चल रही है। साथ ही कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। बता दें कि इंटरपोल ने महादेव ऑनलाइन सट्टा के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर को दुबई में सप्ताहभर पहले गिरफ्तार किया है।
Saurabh Chandrakar Case: साथ ही प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत लाने की कवायद चल रही है। यूएई में कारोबार करने और वहां किसी भी तरह का आपराधिक प्रकरण नहीं होने के कारण भारत लाने में समय लग सकता हैं। इसे देखते हुए प्रत्यर्पण के लिए केन्द्र सरकार उच्च स्तर पर यूएई सरकार से संपर्क में रहने के साथ ही दुबई कोर्ट में याचिका पेश करने की तैयारी में जुटी हुई है। बता दें कि डोजियर में किसी व्यक्ति या घटना से संबंधित सूचनाओं का ब्यौरा होता है, जिसे न्यायालय और प्राधिकारी को प्रस्तुत किया जा सके।
Mahadev Betting App: महादेव ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के प्रमुख प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद उसके सहयोगी रवि उप्पल की गिरफ्तारी भी जल्द हो सकती है। पुलिस के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि रवि उप्पल और शुभम सोनी का लोकेशन ट्रेस कर लिया गया है। इसके इनपुट इंटरपोल को शेयर कर गिरफ्तार किया जाएगा।
पीएचक्यू के निर्देश पर डीएसपी स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम को डोजियर के साथ दिल्ली भेजा गया है। राज्य पुलिस के अफसर केन्द्रीय गृह मंत्रालय को सौरभ से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इन सबके बावजूद सौरभ को भारत लाने की राह आसान नहीं है। यूएई का बिजनेसमैन होने की वजह से सौरभ चंद्राकर को यहां लाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। यूएई के साथ भारत के अच्छे रिश्ते होने के कारण माना जा रहा है कि सौरभ का प्रत्यर्पण हो जाएगा। इसमें दो-तीन महीने का समय लग सकता है। बता दें कि महादेव ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी का कुल 6 हजार करोड़ के कारोबार को लेकर छ्तीसगढ़ के साथ ही देशभर के विभिन्न राज्यों की पुलिस थानों और ईडी द्वारा एफआईआर दर्ज किया गया है।