MD-MS Admissions: एमडी-एमएस एडमिशन में स्टेट कोटा घटा, 10% सीटें ओपन कैटेगरी में स्थानांतरित; छात्रों में नाराज़गी, नए नियम से इंस्टीट्यूशनल और नॉन-इंस्टीट्यूशनल सीटों का बंटवारा बढ़ा विवाद।
MD-MS Admissions: एमडी-एमएस कोर्स में पहले की तरह स्टेट कोटे के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित नहीं रहेंगी। इसमें कटौती कर दी गई है। अब इसके लिए केवल 40 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी। इससे प्रदेश के छात्रों का नुकसान होगा। ऑल इंडिया के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी। वहीं, 10 फीसदी सीटें ओपन कैटेगरी यानी दूसरे राज्यों के छात्रों के लिए रहेंगी।
मेडिकल एक्सपर्ट का मानना है कि इंस्टीट्यूशनल डोमिसाइल के कारण दूसरे राज्यों में एमबीबीएस पढ़े प्रदेश के स्थानीय छात्र एडमिशन नहीं ले पा रहे थे। नए गजट नोटिफिकेशन में गैरसंस्थागत छात्र के लिए ओपन कैटेगरी नाम दिया गया है। ये दूसरे राज्यों के छात्र रहेंगे, जो मेरिट में आने पर प्रवेश के लिए पात्र रहेंगे। ये नियम किसलिए बनाया गया, छात्रों को भी समझ नहीं आ रहा है।
स्टेट कोटे की 50 फीसदी सीटों को दो पार्ट में बांट दिया गया है, जिसमें 25-25 फीसदी सीटें इंस्टीट्यूशनल व नॉन इंस्टीट्यूशनल छात्रों के लिए रहेगा। इसे छात्र कंफ्यूज हो रहे हैं। 1 दिसंबर के पहले बने नियम में इंस्टीट्यूशनल डोमिसाइल व हैल्थ साइंस विवि से संबद्ध कॉलेजों के छात्र ही पीजी कोर्स में एडमिशन ले सकते थे। हाईकोर्ट ने एक छात्रा की याचिका पर 100 फीसदी स्थानीय डोमिसाइल का नियम रद्द कर दिया था। इसके बाद शासन को नया प्रवेश नियम बनाना पड़ा।
MD-MS Admissions: पीजी में एडमिशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सोमवार को पूरा हो गया। अब मेरिट व आवंटन सूची जारी करने की बारी है। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने शेड्यूल जारी नहीं किया है। 22 नवंबर को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी, क्योंकि हाईकोर्ट का फैसला आ गया था। नियमानुसार रीशेड्यूल जारी किया जाना था, जो नहीं किया गया है।