Medical Course Fee: सुनने-पढ़ने में तो ये आश्चर्य लगता है, लेकिन ये सही है। देश के किसी मेडिकल कॉलेज में इतनी सस्ती पढ़ाई कहीं और नहीं होती होगी। चूंकि, ये केंद्रीय संस्थान है इसलिए छात्रों से नाॅमिनल फीस ली जाती है।
Medical Course Fee: एम्स रायपुर में बहुत कम फीस में यूजी व पीजी कोर्स की पढ़ाई हो रही है। हर साल 1289 रुपए में एमबीबीएस और 1000 रुपए में एमडी-एमएस की सालाना फीस में पढ़ाई हो रही है। सुनने-पढ़ने में तो ये आश्चर्य लगता है, लेकिन ये सही है।
देश के किसी मेडिकल कॉलेज में इतनी सस्ती पढ़ाई कहीं और नहीं होती होगी। चूंकि, ये केंद्रीय संस्थान है इसलिए छात्रों से नाॅमिनल फीस ली जाती है। यही नहीं, (Medical Course Fee) हॉस्टल भी फ्री है। नीट में 660 से 670 स्कोर लाने पर एम्स में प्रवेश हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल भी यही कट ऑफ मार्क्स में प्रवेश होने की संभावना है।
एम्स में एमबीबीएस के साढ़े 4 साल के कोर्स की पूरी फीस 5800 रुपए हैं। जबकि, पीजी के तीन साल के कोर्स में केवल 3 हजार रुपए खर्च होता है। छत्तीसगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की एक साल की फीस 40 हजार तो निजी में 7.41 से 7.99 लाख रुपए है। पूरे कोर्स की फीस की बात की जाए तो सरकारी मेडिकल कॉलेज में 1.80 लाख व निजी कॉलेजों में 33.34 लाख से 35.95 लाख रुपए है।
सरकारी व निजी कॉलेजों की तुलना में एम्स में कई गुना सस्ती पढ़ाई हो रही है। नीट यूजी का रिजल्ट 4 जून को घोषित हुआ। इसके बाद नीट देने वाले छात्र रैंक व स्कोर के अनुसार ये आकलन कर रहे हैं कि उन्हें किस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट मिल सकती है। एम्स समेत देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए काउंसिलिंग जुलाई-सितंबर में शुरू होने की संभावना है। ऐसे में पत्रिका ने प्रदेश स्थित एम्स, सरकारी व निजी कॉलेजों में फीस की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
केंद्र सरकार के अनुदान से चलने वाले एम्स में क्वालिटी एजुकेशन पर जोर दिया जाता है। यही कारण है कि छात्रों को नहीं के बराबर फीस देनी होती है। हॉस्टल में जहां फ्री रहने की सुविधा है, वहीं मेस में खाने के लिए स्टूडेंट्स को काफी मामूली खर्च करना पड़ता है। एम्स रायपुर में (Medical Course Fee) एमबीबीएस की 125 सीटें हैं, जहां देश के विभिन्न राज्यों के अलावा प्रदेश के छात्रों का एडमिशन मेरिट के अनुसार होता है। वहीं पीजी की भी 100 से ज्यादा सीटें हैं। इस कोर्स में भी देश के विभिन्न राज्यों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
दुनिया के टॉप 100 कॉलेजों में दिल्ली का एम्स कॉलेज 23वें नंबर पर है। इस कॉलेज ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को भी पीछे छोड़ दिया है। वर्ष 2022 में यूएसए की एक मशहूर हैल्थ मैग्जीन के सर्वे में एम्स ने अपना लोहा मनवाया है। दुनिया के मशहूर मेडिकल कॉलेज ऑक्सफोर्ड मेडिकल कॉलेज व यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन से बेहतर कॉलेज एम्स को चुना गया था। रायपुर में भी दिल्ली के एम्स जैसे पढ़ाई हो रही है।
कॉलेज एमबीबीएस पीजी
एम्स 1289 1000
सरकारी कॉलेज 40 हजार 20 हजार
निजी कॉलेज 7.41-7.99 लाख 7 से 10 लाख
रिटायर्ड डीएमई डॉ. विष्णु दत्त ने कहा - प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एक समान फीस रखी गई है, जिससे एकरूपता बनी रहे। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए अच्छी रैंक जरूरी है। एम्स जैसी पढ़ाई का सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कराने का प्रयास किया जाता रहा है।
बालाजी मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. देवेंद्र नायक ने कहा - एम्स केंद्र सरकार से अनुदान प्राप्त संस्थान है। इसलिए वहां देश में सबसे कम खर्च पर एमबीबीएस व एमडी-एमएस (Medical Course Fee) की पढ़ाई होती है। प्रदेश के निजी कॉलेजों में फैकल्टी व इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुसार फीस रखी गई है। ये दूसरे राज्यों की तुलना में कम है।