रायपुर

Nagar Nigam: साफ-सफाई में हर माह 6 करोड़ों खर्च, फिर भी सड़क किनारे से उठता है धूल का गुबार, लोग परेशान…

Nagar Nigam: रायपुर राजधानी में स्मार्ट सिटी के अनुरूप साफ-सफाई में नगर निगम हर माह 6 करोड़ों रुपए से ज्यादा भुगतान करता है। इसके बावजूद मॉनिटरिंग के अभाव में पलीता लग रहा है।

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Oct 14, 2024

Nagar Nigam: छत्तीसगढ़ के रायपुर राजधानी में स्मार्ट सिटी के अनुरूप साफ-सफाई में नगर निगम हर माह 6 करोड़ों रुपए से ज्यादा भुगतान करता है। इसके बावजूद मॉनिटरिंग के अभाव में पलीता लग रहा है। सड़कों के किनारे रेत-गिट्टी के ढेर और बगैर ढंके दौड़ती मटेरियल गाड़ियों की वजह से धूल के गुबार से शहर के लोग परेशान हैं।

Nagar Nigam: ठेकेदार की मनमानी पर कोई रोक नहीं

Nagar Nigam: हाल ही में निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने जोन कमिश्नरों और नगर निवेश विभाग के अफसरों को तलब कर सख्त हिदायत दी। उन्हें हर सुबह दो घंटे फील्ड में निगरानी का निर्देश दिए, ताकि सुधार आ सके। पिछले छह महीने से एनआईटी चौक से गोल चौक जाने वाली रोड के दोनों तरफ पाथवे का निर्माण कराया जा रहा है। यह काम तेजी से कराने के बजाय इस सड़क के किनारे पेवर ब्लॉक से लेकर रेत-गिट्टी का ढेर कई दिनों तक डंप रखा जाता है और काम बंद रहता है।

Nagar Nigam: ठेकेदार की मनमानी पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में रिंग रोड और जीई रोड को जोड़ने वाली सबसे अधिक आवाजाही इसी से होती है। इसी तरह करीब ढाई करोड़ की लागत से शहर से लगे हुए जरवाय में सीएंडडी प्लांट बनवाया गया, ताकि तोड़फोड़ से निकलने वाले मटेरियल का दोबारा प्रोसेस कराया जा सके। परंतु लोग खाली जगहों में ही फेंक रहे हैं। इससे ही आबाहवा खराब होती है।

Nagar Nigam: मॉनिटरिंग की सख्त हिदायत : आयुक्त

नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा के अनुसार शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर सख्त हिदायत अफसरों को दी गई है। निगम के अफसरों को जोन स्तर हर दिन सुबह डेढ़ से दो घंटे तक फील्ड में निगरानी करने का आदेश है। अभी राजधानी की 85 किमी सड़क सफाई स्वीपिंग मशीन से कराई जा रही है। शासन से स्वीकृति मिलते ही मशीनों की संख्या बढ़ने से और 37 किमी सड़कों की सफाई मशीनों से होने लगेगी। यह प्रस्ताव सामान्य सभा में पारित है।

आयुक्त का यह भी कहना है कि हाल ही में राष्ट्रीय सर्वेक्षण रिपोर्ट में स्वच्छ वायु रैंकिंग 16 से घटकर 12वें स्थान पर आई है। शहर के आबाहवा में काफी सुधार हुआ है। तोड़फोड़ से वेस्ट मटेरियल खाली जगहों में फेंकने और सड़कों के किनारे रेत-गिट्टी रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं।

इन सड़कों पर सबसे ज्यादा धूल

राजधानी के तेलीबांधा से टाटीबंध चौक तक रिंग रोड खासतौर पर ओवरब्रिज के दोनों किनारों पर धूल, रेत गाड़ियों की आवाजाही से मोटी परत जम जाती है। इस रिंग रोड की सर्विस रोड कई जगह खस्ताहाल हो चुकी है, जिसकी मरम्मत तक नहीं कराई जा रही है।

स्मार्ट सिटी कंपनी साढ़े तीन करोड़ की लागत से आश्रम चौक से साइंस कॉलेज तक रोड डिवाइडर का निर्माण शुरू कराया, वह आज तक अधूरा है। इसरी तरह एनआईटी तक गोल चौक वाली रोड का पाथवे निर्माण कभी बंद, कभी चालू के तर्ज पर चल रहा है।

सफाई पर ऐसे खर्च हो रहे करोड़ों

नगर निगम द्वारा राजधानी की कुछ चिह्नित सड़कों की सफाई का ठेका स्वीपिंग मशीन से कराने दिया है। हर महीने करीब 87 लाख रुपए है। ऐसे में रात में ऐसी सड़कों और बाजारों की सफाई कराई जाती है। वार्डों के अलग-अलग ठेके पर 3 करोड़ से ज्यादा भुगतान किया जा रहा है। परंतु आधे से सफाई कामगार जांच के दौरान गायब ही मिले हैं। रामकी कंपनी को डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का ठेका साढ़े 4 करोड़ रुपए दिया जाता है।

इन सबके बावजूद नगर निगम के खुद के 2300 के लगभग सफाई गैंग है। ताकि सड़कें, गलियां धूल मुक्त की जा सकें और सफाई व्यवस्था राजधानी के अनुरूप दुरुस्त हो सके। परंतु धूल और गंदगी से शहर के लोगों का पीछा छूट नहीं रहा है।

Updated on:
14 Oct 2024 01:02 pm
Published on:
14 Oct 2024 10:50 am
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