NEET UG Re-Exam: विवादों में रहे नीट की परीक्षा बालोद और दंतेवाड़ा में संपन्न हो चुकी है। सके लिए 602 छात्रों को चिंहित किया गया था, जिन्हें ग्रेस मार्क मिला था। इनमें से 291 छात्र यानी 48.33% परीक्षा देने पहुंचे।
NEET UG Re-Exam: विवादों में रहे नीट की परीक्षा बालोद और दंतेवाड़ा में संपन्न हो चुकी है। सके लिए 602 छात्रों को चिंहित किया गया था, जिन्हें ग्रेस मार्क मिला था। इनमें से 291 छात्र यानी 48.33% परीक्षा देने पहुंचे। जबकि 311 (51.61%) अनुपस्थित थे।
बता दें कि बालोद जिले के दल्ली राजहरा शहर के डीएवी विद्यालय में ये परीक्षा संपन्न हुई है। एग्जाम देकर बाहर आते समय स्टूडेंट्स के चेहरे पर खुशी नजर आई। कुल 185 स्टूडेंट्स के लिए यह परीक्षा बालोद जिले में फिर से आयोजित की गई थी, लेकिन यहां पर केवल 115 बच्चे ही परीक्षा में शामिल हुए। एग्जाम देकर बाहर आने पर बच्चों के चेहरे पर आत्मविश्वास झलक रहा था। दंतेवाड़ा के परीक्षा केंद्र जवांगा में 417 बच्चों में 176 बच्चों ने एग्जाम दिया, जबकि 241 बच्चे अनुपस्थित रहे।
जानकारी के मुताबिक ग्रेस हटने के बाद कुछ ऐसे छात्र थे, खासकर आरक्षित वर्ग एसटी से जिन्हें 340 और इससे अधिक अंक मिला है। इसी तरह एससी के कई छात्रों को 435 या इससे ज्यादा नंबर मिले हैं। सरकारी 'मेडिकल कॉलेजों में पिछले कुछ वर्षों का कटऑफ को देखते उम्मीद है कि सीट मिल जाएगी। इसलिए उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का रिस्क नहीं लिया। क्योंकि, इसमें बेस्ट-2 जैसे फार्मूला नहीं था। अभी परीक्षा देने के बाद जो मार्क्स आते, वही मान्य होता। यह बात भी सामने आई कि कई ऐसे छात्र भी थे जिन्हें ग्रेस के बाद भी 150 से 180 था। उन्हें इससे चमत्कार की उम्मीद नहीं थी। इसलिए वे एग्जाम से बाहर रहे।
मेडिकल क्षेत्र की सबसे बड़ी परीक्षा नीट परीक्षा फिर से बालोद और दंतेवाड़ा में आयोजित हुई थी। यहां पर वास्तविक प्रश्न पत्र को न देकर अतिरिक्त प्रश्न पत्र को दे दिया गया था। 45 मिनट बाद जब कर्मचारियों को गलती का एहसास हुआ, तो फिर से दूसरा पेपर उन्हें बनाने के लिए दिया गया।
इसके बाद बच्चों को शांत रखने के लिए अतिरिक्त समय देने की बात कही गई थी, हालांकि उन्हें अतिरिक्त समय नहीं दिया गया। इसके बाद पैरंट्स ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश के बाद फिर से नीट परीक्षा बालोद और दंतेवाड़ा में आयोजित की गई। बालोद में 185 बच्चों को ही मौका मिला, जिसमें से 114 बच्चों ने बालोद में एग्जाम दिया। वहीं, दंतेवाड़ा में 417 में 176 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया।
बता दें कि एनटीए ने नीट यूजी का दोबारा से एग्जाम कराने का निर्णय लिया है। दोबारा से हो रहे नीट यूजी के एग्जाम में उन छात्रों को शामिल किया गया है, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। देशभर में नीट रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्र थे। ये छात्र दोबारा से परीक्षा देंगे।
री-नीट एग्जाम (NEET UG Re-Exam) होने के बाद इसका रिजल्ट लगभग 30 जून तक आ सकता है। एनटीए इसको लेकर तैयारी कर रहा है। NEET UG का संशोधित रिजल्ट आने के बाद काउंसलिंग की प्रोसेस लगभग 6 जुलाई से शुरू हो जाएगी।
चंडीगढ़ : 2 पात्र, दोनों अनुपस्थित।
छत्तीसगढ़ : 602 पात्र, 311 अनुपस्थित, 291 ने दोबारा परीक्षा दी।
गुजरात : 1 पात्र, उपस्थित हुआ छात्र।
हरियाणा : 494 पात्र, 207 अनुपस्थित, 287 ने दोबारा परीक्षा दी।
मेघालय : 464 पात्र, 230 अनुपस्थित, 234 ने दोबारा परीक्षा दी।
छत्तीसगढ़ में NEET UG 2024 के लिए मुख्य आंकड़ें प्रदर्शित करने वाला एक इन्फोग्राफिक यहां दिया गया है। इसमें आवेदकों की कुल संख्या, योग्य उम्मीदवारों की संख्या, प्राप्त किए गए सर्वोच्च अंक और औसत अंक का डेटा शामिल है।
नीट -यूजी की परीक्षा 5 मई को देशभर के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया था, रिजल्ट 10 दिन पहले ही जारी कर दिया गया था। रिजल्ट के बाद पेपरलीक और गड़बड़ी के आरोप लगाए गए, क्योंकि 67 से अधिक छात्रों ने अधिकतम अंक प्राप्त किए, जिनमें से कुछ छात्र एक ही परीक्षा केंद्र के थे।
पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में बिहार में अनियमितताओं और पेपर लीक का मामला सामने आया। इसके साथ ही कुछ उम्मीदवार सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं, उन्होंने दावा किया है कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर मिल गया था। इन आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई उच्च न्यायालयों के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गईं।