CG News: रायपुर में वर्ष 2026-27 के लिए राज्य के बजट की तैयारी शुरू हो गई है। रजत जयंती वर्ष को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार भविष्य के लिए आवश्यक पहलुओं को बजट में शामिल करने का प्लान बनाया है।
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में वर्ष 2026-27 के लिए राज्य के बजट की तैयारी शुरू हो गई है। रजत जयंती वर्ष को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार भविष्य के लिए आवश्यक पहलुओं को बजट में शामिल करने का प्लान बनाया है। इस बार सरकारी विभाग बजट बनाने में अपनी मनमर्जी नहीं चला पाएंगे।
बजट बनाने से पहले विभागों को इसके उद्देश्य, लक्ष्य और परिणाम की जानकारी देनी होगी। साथ ही विभागों को छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 और सतत विकास के लक्ष्यों (2030) को शामिल करते हुए बजट तैयार करना होगा।
ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब भविष्य को ध्यान में रखकर बजट की रूपरेखा तैयार की जा रही है। विभागों को अपना बजट प्रस्ताव 21 नवंबर तक वित्त विभाग के पास भेजना होगा। इसके साथ ही वित्त विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सभी विभाग योजनावार अलग-अलग जानकारी देंगे। बजट के साथ उसका औचित्य भी बताना होगा।
यदि कोई नई योजना लागू की जानी है, तो विभागों को उसका बजट प्रस्ताव अलग से भेजना होगा। इसके साथ ही इसके आय-व्यय का संभावित लेखाजोखा भी देना अनिवार्य होगा। बजट प्रस्ताव तैयार करते समय सभी विभागों को उसके दूरगामी परिणामों को ध्यान में रखना आवश्यक होगा। इनकी पूर्ति के लिए विभाग आवश्यकतानुसार नवीन योजनाओं को भी प्रस्ताव में शामिल करेंगे।
सभी विभागों को अलग-अलग मिलने वाली सहायता राशि की जानकारी अलग से देनी होगी। इसमें विदेश से मिलने वाली सहायता को भी अलग से बताना होगा। वित्त विभाग ने कहा कि योजना का संक्षिप्त विवरण दिया जाए, जिसमें योजना का स्वरूप तथा उद्देश्य का उल्लेख किया जाए। इसमें केन्द्र/एजेंसी के साथ ही राज्यांश के अनुपात का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया जा रहा है। विजन 2047 का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन की झलक बजट में दिखाई देगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरुप नए प्रावधान भी किए जाएंगे।
वित्त विभाग अपने बजट को अंतिम रूप देने से पहले सभी से सलाह भी लेता है। इसके तहत आम जनता से भी सुझाव लिए जाएंगे। इसके अलावा बजट को अंतिम रूप देने से पहले मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठक होंगी। इसमें उनकी पसंद के बारे में जानकारी ली जाएगी।
बता दें कि वित्त विभाग सबसे पहले विभागों से अलग-अलग जानकारी मंगवाता है। इसके बाद प्रस्ताव मंगाया जाता है। इसके आधार पर विभाग के सचिवों से चर्चा की जाती है। विभाग की प्राथमिकताओं को समझा जाता ह्रै। इसके बाद ही विभाग के बजट को अंतिम रूप दिया जाता है।