Income Tax Department: करदाता को हमेशा अपने आय के स्त्रोत के साथ ही टैक्स जमा करते समय इसका उल्लेख करना चाहिए। इसकी जानकारी नहीं देने पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
Raipur News: आयकर विभाग 50 लाख से ज्यादा की गडबड़ी मिलने पर 10 साल पुराने दस्तावेजों की जांच करेगी। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद संदेह के दायरे में आने वाले करदाताओं के दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जा रही है। इसके पूरा होने के बाद समंस जारी कर बुलवाया जाएगा। इस दौरान बकाया टैक्स निकलने और संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की जाएगी। आयकर विभाग के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा करने की कवायद चल रही है। ताकि आगामी वित्तीय वर्ष में लक्ष्य से ज्यादा राजस्व संग्रहण किया जा सके।
कर विशेषज्ञ चेतन तारवानी ने बताया कि 50 लाख या उससे ज्यादा की आय छिपाने पर आयकर विभाग 10 साल पुराने रिकॉर्ड की जांच कर सकता है। यह उसकी संपत्ति, लेनदेन के साथ ही छिपाई हुई नकदी, सोना-चांदी और शेयर से संबंधित दस्तावेज हो सकते हैं। फाइनेंस बिल 2022 में बदलाव किया गया है। इसलिए करदाता को हमेशा अपने आय के स्त्रोत के साथ ही टैक्स जमा करते समय इसका उल्लेख करना चाहिए। इसकी जानकारी नहीं देने पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
आयकर विभाग के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि संदिग्ध खातों की स्क्रूटनी चल रही है। पुराने मामलों में टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितता बरतने वालों के टैक्स को जांच के दायरे में लिया गया है। इसके पूरा होने के बाद मई-जून में समंस जारी किया जाएगा। साथ ही बकाया टैक्स की वसूली की जाएगी।