CG Helalth: तीन डॉक्टरों की पोस्टिंग कार्डियोलॉजी विभाग में की है। इनमें एक सीनियर रजिस्ट्रार व दो रजिस्ट्रार हैं। देखने वाली बात होगी ये डॉक्टर कब तक ज्वाइन करते हैं या नहीं करते।
CG Helalth: एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के कार्डियोलॉजी विभाग में कोई भी डॉक्टर काम करने को तैयार नहीं है। दरअसल अक्टूबर में एचओडी व पीजी विवाद के बाद ऐसा हो रहा है। नेहरू मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी ने सोमवार को तीन डॉक्टरों की पोस्टिंग कार्डियोलॉजी विभाग में की है। इनमें एक सीनियर रजिस्ट्रार व दो रजिस्ट्रार हैं। देखने वाली बात होगी ये डॉक्टर कब तक ज्वाइन करते हैं या नहीं करते। इमरजेंसी में भी दो डॉक्टरों की पोस्टिंग का आदेश निकाला गया है।
जारी आदेश के अनुसार डॉ. पटेल वर्तमान में रेडियो डायग्नोसिस विभाग में सीनियर रजिस्ट्रार है, लेकिन वे एमडी नहीं, एमबीबीएस हैं। तीन साल पहले पीएससी से हुई नियमित भर्ती में ये गड़बड़ी हुई है। 70 से ज्यादा एमबीबीएस को सीनियर रजिस्ट्रार बना दिया गया। हालांकि रेडियो डायग्नोसिस विभाग ने पोस्टिंग के बाद शासन को लेटर लिखकर नियुक्ति को गलत बताया था। दरअसल अक्टूबर से ही कार्डियोलॉजी के एचओडी व मेडिसिन के पीजी छात्रों के विवाद के बाद पोस्टिंग बंद है।
जानकारों का कहना है कि विवाद को परे रखते हुए मेडिसिन के पीजी को कार्डियोलॉजी विभाग में पोस्टिंग शुरू करनी चाहिए। हालांकि मेडिसिन के पीजी छात्रों ने डीन को लिखे पत्र में कार्डियोलॉजी विभाग में काम करने के माहौल को जहरीला तक कहा था। यही कारण है कि मेडिसिन विभाग के एचओडी पीजी को कार्डियोलॉजी विभाग में भेजने को तैयार नहीं है। हालांकि एनएमसी के नियम में कार्डियोलॉजी में पोस्टिंग जरूरी नहीं है, लेकिन छात्रों व मरीज हित में पोस्टिंग जरूरी है।
विभाग के कई डॉक्टर पीजी को कार्डियोलॉजी विभाग में भेजने के पक्ष में है, लेकिन छात्र वहां काम करने के लिए कतई तैयार नहीं है। यही कारण है कि कार्डियोलॉजी विभाग में तीन कंसल्टेंट डॉक्टरों के अलावा केवल तीन जूनियर रजिस्ट्रार काम कर रहे हैं। इससे मरीजों का इलाज कुछ प्रभावित हो रहा है। नवंबर में यहां 142 मरीज भर्ती थे, जिनमें 8 की मौत हो गई। पहले के महीनों में कार्डियोलॉजी विभाग में मौत नहीं के बराबर हुई।