Raipur News: पुलिस को आशंका है कि इनमें कुछ लोग बांग्लादेशी नागरिक या रोहिग्या हो सकते हैं। 1 हजार से अधिक लोगों से हुई पूछताछ से इलाके में खलबली मच गई..
Raipur News: ऑपरेशन समाधान के तहत अवैध घुसपैठ की आशंका को लेकर रायपुर पुलिस ने मंगलवार को तडक़े बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान चलाया। इसके तहत शहर के अलग-अलग इलाकों में दूसरे राज्यों से आए 1 हजार से अधिक लोगों से पूछताछ की। इस दौरान करीब 100 ऐसे लोग सामने आए, जिनके दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं। पुलिस को आशंका है कि इनमें कुछ लोग बांग्लादेशी नागरिक या रोहिग्या हो सकते हैं। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह के निर्देश पर की गई। सुबह करीब चार बजे शुरू हुए इस अभियान का नेतृत्व सीएसपी रैंक के अधिकारियों ने किया।
इस दौरान विरोध करने वाले 150 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। बता दें कि इससे पहले भी इस तरह के सत्यापन अभियान चलाए जा चुके हैं। करीब 11 महीने पहले पुलिस ने इसी तरह की कार्रवाई में 224 संदेहियों पर कार्रवाई की थी। पुलिस का भी मानना है कि बढ़ते शहरीकरण और काम की तलाश में आने वाले बाहरी लोगों की आड़ में अवैध घुसपैठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
बीट वाइज टीमों ने उरला, टिकरापारा, मोवा, खमतराई और सिविल लाइन थाना क्षेत्रों में दबिश देकर संदिग्धों की पहचान की और प्राथमिक पूछताछ की। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिन 100 से अधिक लोगों को संदिग्ध माना गया है, वे मुख्य रूप से ऑटो चलाने, निर्माण कार्य और दिहाड़ी मजदूरी जैसे कामों से जुड़े हुए हैं। पूछताछ में इनमें से कई लोग अपने निवास, पहचान और आने-जाने के स्पष्ट दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। कुछ ने खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताया जबकि उनके पास वैध पहचान पत्र या स्थानीय सत्यापन नहीं था।
पूछताछ के दौरान अधिकांश संदिग्ध यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि वे रायपुर में कब से रह रहे हैं। कई लोगों ने पिछले एक-दो वर्षों में शहर आने की बात कही, लेकिन उससे पहले के ठोस रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा सके। पुलिस ने सभी संदिग्धों को आगे की जांच के लिए पुलिस लाइन बुलाया, जहां उनके आधार, मोबाइल नंबर और अन्य दस्तावेजों की तकनीकी व भौतिक जांच की जा रही है। अब अवैध रूप से रह रहे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
मुस्लिम समाज ने आधी रात की गई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध किया है। 23 दिसंबर की रात पुलिस ने शहर के लगभग 150 लोगों को हिरासत में लिया। सीरत कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नौमान अकरम हामिद ने कहा कि बार-बार पूछे जाने पर भी पुलिस ने लोगों को थाना ले जाने का कारण नहीं बताया। ना कोई नोटिस दिया गया। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।