रायपुर

ITR में पहली बार दिखे दुर्लभ ऊदबिलाव, तीन महीने के सर्वे में शोध दल को बड़ी सफलता…

CG News: रायपुर राज्य के इंद्रावती टाइगर रिज़र्व (आईटीआर) में पहली बार दुर्लभ प्रजाति का स्मूथ-कोटेड ऑटर (ऊदबिलाव) देखने को मिला है।

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Nov 11, 2025
ITR में पहली बार दिखे दुर्लभ ऊदबिलाव(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर राज्य के इंद्रावती टाइगर रिज़र्व (आईटीआर) में पहली बार दुर्लभ प्रजाति का स्मूथ-कोटेड ऑटर (ऊदबिलाव) देखने को मिला है। आईटीआर से सटे हुए महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में वन भैंसों का सर्वेक्षण करने के दौरान वाले शोध दल को यह जानकारी स्थानीय ग्रामीणों से मिली। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने शिकायत की कि मछली पकड़ने के लिए बिछाए गए जाल को नीर बिल्ली अक्सर काट देती है।

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CG News: आईटीआर में पहली बार दिखे दुर्लभ ऊदबिलाव

इस आधार पर मिले इनपुट के बाद टीम ने इंद्रावती नदी के 15 किलोमीटर क्षेत्र में लगातार 3 महीने फील्ड सर्वे किए और कैमरे से ऊदबिलावों की स्पष्ट तस्वीरें लीं। टीम में शामिल प्रमुख शोधकर्ता शामिल सूरज ने बताया कि स्मूथ-कोटेड ऑटर एशिया में मिलने वाली एक जल-स्तनधारी प्रजाति है, जो अपनी चमकदार, मुलायम फर और सामाजिक स्वभाव के लिए जानी जाती है। इसे स्मूथ-कोटेड ऊदबिलाव भी कहा जाता है।

इसका ब्यौरा शोध पत्र में किया गया है। उन्होंने बताया कि उदबिलावों को नदी में तैरते, मछली पकड़ते, एक-दूसरे की सफाई करते, रेत में लोटते और यहां तक कि एक मगरमच्छ को खदेड़ते हुए भी देखा गया जो कि एक अत्यंत दुर्लभ है। बता दें कि उदबिलाव भारत में मुख्यत: नदियों, दलदल, मैंग्रोव (सुंदरबन), गंगा-बरह नदी क्षेत्र, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा, और तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

5 से 15 के समूह में रहते हैं

उदबिलाव समूह में एक साथ 5 से 15 लोग रहते है। वहीं एक दूसरे को हल्के चहचहाहट और बॉडी सिग्नल से बातचीत करते हैं। वहीं नदियों के आसपास रहने के साथ ही मछलियां, मेंढक, केकड़े, झींगा और कभी-कभी छोटे जलीय जीव का भोजन करते है। स्थानीय लोगों द्वारा नीर बिल्ली (जल बिल्ली) के नाम से जानी जाने वाली यह उदबिलाव प्रजाति भारत में पाई जाने वाली तीनों प्रजातियों में सबसे बड़ी है।

बता दें कि इस अध्ययन को नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी से मोइज़ अहमद, आलोक कुमार साहू, कृष्णेंदु बसाक और मयंक बागची ने इंद्रावती टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर संदीप बल्गा के मार्गदर्शन एवं सहयोग से शोध किया। बीजापुर इंद्रावती टाइगर रिजर्व डिप्टी डायरेक्टर संदीप बल्गा ने कहा की यह खोज केवल एक प्रजाति की नहीं, छत्तीसगढ़ की नदियों की सेहत की कहानी है।

इसे बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ अरूण पांडेय ने कहा की विलुप्त प्रजाति के उदबिलाव के मिलने के बाद विभाग की ओर से उसके संरक्षण एवं संवर्धन का प्रयास किया जाएगा। नदी में अठखेलियां करते ऊदबिलाव।

Updated on:
11 Nov 2025 12:02 pm
Published on:
11 Nov 2025 12:01 pm
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