Sunday Guest Editor: रायपुर में मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर( एमसीबी) जिले के खड़गवां के दुबछोला गांव में खेती किसानी में नवाचार हो रहा है।
Sunday Guest Editor: छत्तीसगढ़ के रायपुर में मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर( एमसीबी) जिले के खड़गवां के दुबछोला गांव में खेती किसानी में नवाचार हो रहा है। इसकी शुरुआत गांव के ही किसान बेटे ने की है। गांव में ही पले-बढ़े और एमटेक करके अपने गांव की बंजर जमीन को हराभरा बना रहे युवा राजेंद्र सिंह ने इंटीग्रेटेड फार्मिंग का नवाचार कर मिसाल कायम की।
बंजर समझी जाने वाली पीली और लाल मिट्टी में भी हरियाली फैला दी। अब वे किसानों को संगठित करके उन्हें इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट सिखा कर उनकी पैदावार के लिए मार्केट भी उपलब्ध करा रहे हैं।
राजेंद्र ने बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए जैविक खाद का उपयोग किया और इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट के जरिए खेती शुरू की। उन्होंने अपने खेत में टमाटर के पौधों के चारों ओर गेंदे के पौधे लगाए। ऐसा इसलिए किया जिससे टमाटर के पौधों में लगने वाले कीड़ों को गेंदे के पौधों से निकलने वाले परागकण की प्रक्रिया से नियंत्रित किया जा सके।
तनाछेदक और फलछेदक कीटों पर नीम तेल का छिड़काव, खेतों में गेंदे के अलावा, हल्दी और अदरक जैसे प्राकृतिक कीटरोधी पौधों का इस्तेमाल कर अतिरिक्त आय का भी साधन बनाया।
खेतों में सिंचाई के लिए इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट की विधि रंग लाई और देखते ही देखते गांव के ही अन्य किसान उनसे जुड़ने लगे। उन्होंने खीरा, लौकी, करेला, भिंडी, बरबट्टी जैसी फसलें लगाई। खेतों का भूजल स्तर कम होने और सिंचाई की सुविधा नहीं होने के कारण उन्होंने ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और मल्चिंग पेपर का उपयोग किया और कम पानी में भी फसलें लहलहा उठीं।
सोच: सही सोच और तय लक्ष्य के साथ किया गया कार्य बदलाव की कहानी लिखता है।