WorldphotographyDay: वेडिंग फोटोग्राफी को भले ही सीजनल बिजनेस कहा जाता है। छह महीने शूटिंग और बाकी महीनों में पोस्ट-प्रोडक्शन लेकिन इसकी डिमांड सालभर बनी रहती है।
WorldphotographyDay: वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर राजधानी में फोटोग्राफी को लेकर युवाओं में उत्साह और संभावनाओं की नई तस्वीर उभरकर सामने आई है। कभी शौक या पैशन मानी जाने वाली यह कला अब रोजगार और कॅरियर का मजबूत विकल्प बन चुकी है। खासकर वेडिंग और फैशन फोटोग्राफी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। रायपुर में आज 70 से ज्यादा कंपनियां इस क्षेत्र में काम कर रही हैं।
वेडिंग फोटोग्राफी को भले ही सीजनल बिजनेस कहा जाता है। छह महीने शूटिंग और बाकी महीनों में पोस्ट-प्रोडक्शन लेकिन इसकी डिमांड सालभर बनी रहती है। प्री-वेडिंग, मैटरनिटी, बेबी शूट, बर्थडे, एंगेजमेंट और मॉडल फोटोग्राफी जैसी कैटेगरी ने इस प्रोफेशन को लगातार एक्टिव बनाए रखा है। क्वालिटी के चलते दूसरे राज्यों से भी यहां काम आने लगे हैं। यही वजह है कि 5 लाख रुपए तक के कैमरे भी यूज किए जाने लगे हैं।
फोटोग्राफी में सफलता पूरी तरह आर्ट और मार्केट की जरूरत को समझने पर निर्भर करती है। अच्छी समझ और क्रिएटिव आउटपुट देने वाले युवाओं के लिए यहां रोजगार और विकास की भरपूर संभावनाएं हैं।
रायपुर और आसपास में प्रशिक्षण के अवसर भी मौजूद हैं। खरोरा के पास एक निजी यूनिवर्सिटी में फोटोग्राफी की बेसिक पढ़ाई होती है, वहीं शहर में एक स्टूडियो लाइटिंग, आउटडोर शूट और एडवांस एडिटिंग की ट्रेनिंग देता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि असली क्रिएशन खुद फोटोग्राफर को लाना होता है। कॅरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए पहला कदम किसी फोटोग्राफर को असिस्ट करना है। इससे न केवल काम की बारीकियां समझ आती हैं बल्कि प्रैक्टिकल अनुभव भी मिलता है। इसके बाद क्लासेस, इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट्स के जरिए कौशल को और निखारा जा सकता है।