Raisen Bridge Collapse : पिपरिया रोड पर बना पुराना पुल ढहने से चपेट में आए 4 लोग घायल हो गए। घटना पर PWD मंत्री राकेश सिंह ने कहा- पुल कांग्रेस सरकार में बना था, जिसकी जर्जर हालत के चलते रिपेयरिंग हो रही थी। हादसे की जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
Raisen Bridge Collapse :मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के नयागांव इलाके के अंतर्गत आने वाले पिपरिया रोड पर बने पुराने पुल के सोमवार को अचानक ढहने से पुल से गुजर रही दो बाइकें नीचे आ गिरीं, जिसपर सवार 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए भोपाल एम्स पहुंचाया गया, जहां CRPF जवान की मौत हो गई, जबकि, अन्य 3 की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, इस मामले में पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह का बयान सामने आया है। मंत्री सिंह ने कहा- पुल पहले से खराब स्थिति में था, जिसकी पहचान करने के बाद मरम्मत कार्य चल रहा था।
मंडिया से चर्चा करते हुए मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि ये पुल मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPRDC) के अधीन है और इसे पहले से जर्जर संरचना के रूप में आईडेंटिफाई किया गया था। उन्होंने बताया कि मैंने अभी MPRDC के MD से बात की है। जो प्रारंभिक जानकारी आई है, उसके अनुसार पुल की रिपेयरिंग का काम चल रहा था, इसी दौरान ये हादसा हुआ है। मंत्री सिंह ने कहा कि, हादसे की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। जैसे ही जानकारी आएगी, हम विस्तार से बताने की स्थिति में होंगे। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसपर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने ये भी कहा कि, ये पुल कांग्रेस के जमाने का था।
हादसे के बाद जहां एक तरफ कांग्रेस, मौजूदा सरकार पर लापरवाही के आरोप लगा रही है, जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि, कांग्रेस गलत आरोप लगा रही है। पुल निर्माण कांग्रेस के शासनकाल में हुआ था। ऐसी दुर्घटनाओं पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। मंत्री ने कहा- सरकार का प्रयास है कि, उन सभी खामियों को दूर किया जाए, जिनसे गुणवत्ता प्रभावित होती है या दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नए सिरे से कई व्यवस्थाओं को सुधारा जा रहा है, ताकि ऐसी घटनाएं न हों।
मंत्री ने बताया कि हादसे में 4 लोग घायल हुए। इनमें से एक सीआरपीएफ जवान की इलाज के दौरान एम्स में मौत हो गई। दो मोटरसाइकिलें पुल के साथ नीचे आ गिरी थीं।
इस सवाल पर मंत्री ने कहा सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। आजकल ट्रैफिक इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि, आवागमन को पूरी तरह बंद करना भी मुश्किल हो जाता है। फिर भी, जांच में यह भी देखा जाएगा कि आवागमन रोकना जरूरी था या नहीं। मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसपर सख्त कार्रवाई होगी।