राजगढ़

जानलेवा ट्रेंड- दूल्हा-दुल्हन ‘स्मोक एंट्री’ ले रही जान, तड़प-तड़प कर मर चुके कई लोग

Deadly trend in Indian Wedding: दूल्हा-दुल्हन की स्मोक एंट्री ने 7 साल की मासूम बच्ची की जान ले ली, नाइट्रोजन का धुआं उसकी मौत का कारण बना, ऐसे में सवाल उठा कि क्या वैवाहिक आयोजनों में ऐसे आंडबर जरूरी हेैं, क्या अब हमें इनसे बचने की जरूरत नहीं, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट नाइट्रोजन का धुंआ क्यों और कितना खतरनाक...

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May 12, 2025
Deadly trend smoke entry in Indian Wedding know how dangerous nitrogen smoke

Deadly trend in Indian Wedding: शादी समारोह में भव्यता दिखाने में सात साल की बच्ची की जान ले ली। दूल्हा-दुल्हन की स्टेज पर स्मोक एंट्री होनी थी। नाइट्रोजन की व्यवस्था हुई। इसमें पानी डालकर धुएं जैसा नजारा बनाया जाता, इससे पहले ही नाइट्रोजन गैस के कंटेनर में 7 साल की वाहिनी पिता राजेश गुप्ता गिर गई। माइनस 5 डिग्री तापमान की ठंडक में मासूम तपड़ने लगी। फेफडे़ और नसें सिकुड़ गईं। परिजन इंदौर ले गए। अस्पताल में डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखा। पांच दिन के इलाज के दौरान शनिवार रात उसकी मौत हो गई।

बच्ची की मौत ने सोचने को किया मजबूर

बच्ची की मौत ने शादी के भव्य आयोजनों और स्मोक एंट्री समेत अन्य आडंबरों पर समाज को सोचने को विवश कर दिया है। समाजशास्त्रियों का कहना है, शादी ऐसा सामाजिक बंधन है, जो एक से दूसरी पीढ़ी की शृंखला बनाती है। यह खुशियां बिखेरती है, लेकिन ऐसे आडंबर जानलेवा हैं। इससे बचना चाहिए।

ये धुआं किस काम का

इन दिनों शादियों और अन्य बड़े समारोहों में स्मोक एंट्री का ट्रेंड है। दूल्हा-दुल्हन के स्टेज पर पहुंचने के दौरान इसका इस्तेमाल होता है। अमूमन स्मोक के लिए ड्राइ आइस का उपयोग होता है। बर्तन में रखकर गर्म पानी डालने से धुआं निकलता है। शादियों में यह काम करने वाले सोनू सोनी ने बताया, ड्राइ आइस 230 रुपए किलो मिलता है। नाइट्रोजन 110 रुपए किलो मिलती है। इसलिए ज्यादा चलन में है।

नाइट्रोजन से दम घुटता है मरने वाले को लगात है वो मर रहा है

-- नाइट्रोजन से सांस लेने में दिक्कत, बेहोशी, त्वचा, आंखों में जलन।

--यह बहुत ठंडा होता है। त्वचा और आंखों के ऊतक जला सकता है।

-- कई देशों ने मृत्युदंड के लिए नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया। यह क्रूर व अमानवीय तरीका है।

-- नाइट्रोजन दम घुटता है। मरने वाले को पता चलता है वह मर रहा है।

पहले भी सामने आ चुके हैं मामले

***2024 में बेंगलूरु में 12 साल की बच्ची ने शादी में तरल नाइट्रोजन वाला पान खाया। उसके पेट में छेद हो गया। सर्जरी करानी पड़ी।

***2024 में गुरुग्राम के रेस्त्रां में 5 ने माउथ फ्रेशनर की जगह सूखी बर्फ खाई। उन्हें खून की उल्टियां हुईं।

***2024 रायपुर में शादी में झूला टूटने से दूल्हा-दुल्हन घायल हो गए।

इतनी आधुनिकता ठीक नहीं

शादी में परंपराएं छूट गईं, आधुनिकता की अंधी दौड़ है। दूल्हा-दुल्हन की एंट्री समेत कई अजीबोगरीब प्रयोग हो रहे हैं। इससे आए दिन हादसे की खबरें आ रही हैं। इतनी आधुनिकता ठीक नहीं, रीति रिवाजों को महत्व देना चाहिए।

- प्रो. आशा शुक्ला, पूर्व कुलपति, डॉ. आंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंसेज


Published on:
12 May 2025 10:39 am
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