Ladli Behna Yojana Big Update: मध्यप्रदेश शासन की लाडली बहना योजना में लाड़लियों के नाम कट रहे हैं। अब तक जिले के पोर्टल से 10 हजार लाड़लियों के नाम काटे जा चुके हैं।
Ladli Behna Yojana Big Update: मध्यप्रदेश शासन की लाडली बहना योजना में लाड़लियों के नाम कट रहे हैं। अब तक राजगढ़ जिले के पोर्टल से 10 हजार लाड़लियों के नाम काटे जा चुके हैं। साथ ही 1300 से अधिक महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने भूलवश गलत ओटीपी डाल दिए, जिसके कारण अब उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल रहा। जिनके नाम कटे हैं या कट गए हैं उन्हें प्रति माह 1250 रुपए की राशि नहीं मिल रही है। हालांकि विभाग का तर्क है कि 10 हजार नाम ऐसे हैं, जिनमें 60 वर्ष की आयु महिलाएं पार कर चुकी हैं।
ऐसे में पोर्टल(Ladli Behna Yojana Big Update) से स्वत: ही उनके नाम हट रहे हैं। वहीं, करीब 1300 लाडली बहनें ऐसी हैं जिनके नाम पोर्टल से ओटीपी के कारण हटे हैं। उनमें से अधिकतर नरसिंहगढ़ क्षेत्र की है। इसके लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया जारी है। वर्तमान में जिले में करीब 2 लाख 96 हजार लाडलियों को योजना का लाभ मिल रहा है लेकिन कई नाम अभी भी पात्र होने के बावजूद छूटे हुए हैं। महिलाओं को उम्मीद है कि दोबारा उनके नाम जोड़े जाएंगे, लेकिन फिलहाल ऐसे कोई दिशा-निर्देश शासन स्तर पर नहीं मिल पाए हैं।
लाडली बहन योजना के तहत छूटे हुए नामों को जोड़ने के निर्देश मुख्यमंत्री दे चुके हैं लेकिन अभी नए सिरे से नाम जोड़ने की कोई योजना नहीं है। यानी 18 से 60 वर्ष की कई जो लाडलियां छूटी हुई हैं, उनके नाम जोड़ने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। नरसिंहगढ़ क्षेत्र में बरखेड़ी, चैनपुरा खुर्द, भोपालपुरा, हनापुरा, रसीदखेड़ी, भानपुरा और मल्लिया सहित अन्य गांवों की लाडली बहनों के नाम छूटे हुए हैं। साथ ही कुछ जगह के नाम गलत ओटीपी डाल लेने से हट गए। ऐसे में 7 अगस्त को नरसिंहगढ़ पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंच से ही कलेक्टर को ये नाम जोड़ने के निर्देश दिए थे। हालांकि इस दिशा में फिलहाल कोई कार्रवाई जिला प्रशासन की ओर से नहीं की गई है।
296000 लाडलियों को योजना का लाभ मिल रहा है। हालांकि जो 10 हजार नाम कटे हैं उनमें से अधिकतर वे हैं जो 60 वर्ष की आयु पार कर चुकी हैं। इसके अलावा कुछ ही मामले करीब 1300 ऐसे हैं जिनमें गलत ओटीपी डाल देने से कटे हैं। जहां तक नए नाम जोड़ने की बात है तो इसके लिए विभागीय स्तर पर कोई आदेश नहीं आए हैं। -श्यामबाबू खरे, जिला महिला बाल विकास अधिकारी, राजगढ़