राजनंदगांव

फसल परिवर्तन जरूरी, पानी की बचत व अधिक मुनाफा के लिए फूलों की खेती पर फोकस

CG News: राजनांदगांव जिले में पूजा-पाठ से लेकर पारंपरिक रीति-रिवाज फूल के बगैर पूरे नहीं होते। मंदिर से लेकर गुरुद्वारा व मस्जिद में फूल चढ़ाकर ही इबादत की जाती है।

2 min read

CG News: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पूजा-पाठ से लेकर पारंपरिक रीति-रिवाज फूल के बगैर पूरे नहीं होते। मंदिर से लेकर गुरुद्वारा व मस्जिद में फूल चढ़ाकर ही इबादत की जाती है। इस वजह से बारहों माह फूलों की डिमांड रहती है। इसलिए उद्यानिकी विभाग की ओर से किसानों को फूलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन दिनों हर तरफ जलसंकट का दौर चल रहा है। ऐसे में कम पानी की खपत वाली फसल पर ज्यादा फोकस है।

CG News: फसल परिवर्तन जरूरी

राजनांदगांव के साथ ही खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में भी नर्सरी के माध्यम से पौधे तैयार कर किसानों को फूल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केसीजी में उद्यानिकी के अफसर अरकाभानु प्रजाति के गैंदा फूल की खेती करा रहे हैं। इस फसल में पानी की खपत कम होती है और मुनाफा अधिक। अरकाभानु प्रजाति के गैंदे बारहों माह उगते हैं। इसलिए यह फायदेमंद है।

केसीजी उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रविन्द्र कुमार मेहरा ने बताया कि अरकाभानु प्रजाति के गैंदा फूल का रिसर्च बैंगलुरू में हुआ है। वहीं से ये पौधे लाए गए हैं और सैंपल के तौर पर लगाए गए पर परिणाम अच्छा आया। नर्सरी में पौधे तैयार कर अब किसानों की डिमांड पर उपलब्ध करा रहे हैं। बताया कि गैंदा फूल की खेती जिले में खैरागढ़ से लेकर छुईखदान ब्लॉक में की जाती है।

फूलों की खेती पर फोकस

सहायक संचालक मेहरा ने बताया कि केसीजी जिले में बड़े पैमाने पर फूलों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इससे फसल परिवर्तन होगा, वहीं भूजल का दोहन कम होता जाएगा। मेहरा ने बताया कि फूलों की खेती में पानी की जरूरत कम पड़ती है।

इधर राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ ब्लॉक में किसान गैंदा फूल सहित अन्य फूलों की खेती कर अधिक कमाई कर रहे हैं। डोंगरगढ़ के एक किसान ने बताया कि इस बार जरबेरा की खेती का प्लान किए हैं। लागत तो अधिक आती है पर इसमें पानी की खपत कम है और बाजार में मुनाफा अच्छा होता है।

Published on:
18 Mar 2025 02:43 pm
Also Read
View All

अगली खबर