CG News: निगम के पास स्वयं के लगभग ढाई सौ सफाई कर्मचारी हैं। इनमें दूसरे वार्डों में सफाई करवाई जाती है।
CG News: मानसूनी दस्तक के साथ राजनांदगांव में हल्की बारिश हो रही है। बारिश के बाद नाली का गंदा पानी सड़क पर आ रहा है। इससे हर वार्ड में गंदगी का आलम है। वहीं इस बीच बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए राजनांदगांव के 27 वार्डों में सफाई ठेका का पुराना अनुबंध रद्द कर देने से सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। 27 वार्डों में सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। स्थिति यह है कि मुक्कड़ से कचरा नहीं उठ रहा। नाली से निकाला गया मलमा सड़क पर है। इससे हर वार्ड में जलजनित बीमारी फैलने का खतरा है।
दरअसल यह सब सफाई ठेके को लेकर जारी विवाद के चलते हो रहा है। भाजपा-कांग्रेस और निगम आयुक्त के बीच ठेके को लेकर जारी तकरार की वजह से जनता खामियाजा भुगत रही है। कचरा नहीं उठने से लोगों को सड़ांध सहना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मौसम में सफाई को लेकर बरती जा रही लापरवाही घातक हो सकती है।
पत्रिका टीम ने बुधवार को संवेदनशील वार्ड लखोली, जनता कॉलोनी, कन्हारपुरी, नंदई, इंदिरा नगर का जायजा लिया तो यहां मुक्कड़ से कचरा नहीं उठा था। वार्ड की गलियों की सफाई नहीं हुई थी। जबकि इस क्षेत्र में मवेशियों का जमावड़ा रहता है।
सड़कों पर गोबर बिखरे पड़े थे। लखोली के गौठान के पास तो कचरे का ढेर नजर आया। वार्डवासियों ने बताया कि तीन दिन से यही स्थिति बनी हुई है जबकि घनी आबादी वाले इस वार्ड में डायरिया और मलेरिया का कहर जल्द बरपता है। इधर शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने सफाई दरोगा, वार्ड प्रभारियों की बैठक ली।
ठेका निरस्त होने पर सफाई के लिए अब निगम के सफाई मित्रों की मदद ली जाएगी। सफाई मित्रों को अलग-अलग क्षेत्र की जिमेदारी देकर सफाई कराने की तैयारी है। बताया कि लंबे समय से अनुपस्थित कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। पानी भरान वाले क्षेत्र में सफाई करेंगे। वार्ड प्रभारियों को अलर्ट रहने कहा गया।
महापौर हेमा देशमुा का कहना है कि निगम आयुक्त ने बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए पुराने अनुबंध को निरस्त कर दिया। इसलिए दिक्कत आ रही है। वहीं नियम विरूद्ध निविदा जारी की गई। सफाई के मसले में मंथन कर रास्ता निकाला जा रहा है। जनता को परेशान नहीं होने देंगे।
इधर मेयर इन काउंसिल ने यह कहते हुए निविदा रद्द कर दिया कि इसमें दिए गए नए शर्त भाजपा नेताओं के इशारे में लागू किए गए हैं। नई शर्तों को नियम विरुद्ध बताते हुए टेंडर रद्द कर दिया है। वहीं यह खबर भी सामने आ रही है कि भाजपा-कांग्रेस के नेता समूहों की आड़ में सफाई ठेके को बराबर में बांटना चाह रहे हैं।
वार्डों में दवाइयों का छिड़काव नहीं हो रहा है। पत्रिका टीम ने भदौरिया चौक के समीप सहदेव नगर में दस्तक दी तो यहां सड़कों पर गंदगी नजर आई। वार्ड पार्षद ने आयुक्त से शिकायत की तो उन्हाेंने ने ठेका रद्द होने की बात कही और सफाई करने कर्मचारी नहीं भेजे। बसंतपुर के राजीव नगर श्रमिक बाहुल्य वार्ड की गलियों में हल्की बारिश के बीच जगह-जगह गंदगी नजर आ रही है।
वार्ड पार्षद ने बताया कि इतने बड़े वार्ड में गिनती के कर्मचारी भेजे गए थे जो कि कुछ जगहों पर झाड़ू लगाकर लौट गए। कर्मचारियों की कमी के चलते निगम की ओर से 27 वार्डों में ठेके के माध्यम से सफाई कराई जाती है। निगम के रिकॉर्ड के अनुसार ठेका वार्डों में लगभग 300 कर्मचारी कार्यरत थे। निगम के पास स्वयं के लगभग ढाई सौ सफाई कर्मचारी हैं। इनमें दूसरे वार्डों में सफाई करवाई जाती है। वहीं अचानक निगम ने पुराना अनुबंध खत्म कर दिया और नया टेंडर जारी कर दिया। इससे एक साथ ठेका वार्डों में 300 कर्मचारियोें की कमी हो गई।