CG Weather Update: हिमालय और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी से आने वाली ठंडी हवाओं से छत्तीसगढ़ में ठंड बढ़ गई है। कई जिलों में शीतलहर के हालात बने हुए हैं…
CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में ठंड का प्रकोप जारी है। कई जिलों में शीतलहर के हालत बने हुए हैं। इधर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई। वहीं बर्फीली हवाओं की छत्तीसगढ़ एंट्री से ठंड में बढ़ोतरी हुई है। दिन और रात के तापमान में आई गिरावट से लोगों को कंपकंपी महसूस हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान ठंड का मुख्य कारण उत्तर भारत से आने वाली सर्द और शुष्क हवाएं हैं, जो मैदानी इलाकों में शीतलहर जैसी स्थिति उत्पन्न कर रही हैं।
रायपुर समेत अन्य जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे जा रहा, तो वहीं अधिकतम तापमान 27 डिग्री तक पहुंच रहा है। बढ़ती ठंड के बीच गर्म कपड़ों की मांग बढ़ी है। बढ़े हुए ठंड का असर स्वास्थ्य पर भी पढ़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों में सर्दी-खांसी की समस्या बढ़ी है। वहीं दमा के मरीजों का भी हाल-बेहाल है। डॉक्टर इस समय खान-पान में विशेष ध्यान देते हुए बच्चे और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं।
हिमालय और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद वहां से आने वाली बर्फीली हवाएं छत्तीसगढ़ तक पहुंच रही हैं। इन हवाओं का रुख सीधे मध्य भारत की ओर होने से राजनांदगांव समेत पूरे प्रदेश में तापमान तेजी से गिरा है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत में जारी ठिठुरन का असर सीधे छत्तीसगढ़ पर पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती गतिविधियों के कम होने के बाद ठंडी उत्तरी हवाओं का प्रवाह और तेज हो गया है। आने वाले दो-तीन दिनों में जिले में ठंड और बढऩे का अनुमान है। लोगों को रात के समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
हाल ही में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई। बर्फबारी के बाद वातावरण और अधिक ठंडा हो गया, जिससे दक्षिण दिशा की ओर आने वाली हवाएं बेहद ठंडी बनी हुई हैं। यही हवाएं प्रदेश की सर्दी को और कड़ाके की बना रही हैं।
इस समय आसमान पूरी तरह साफ है, जिसके चलते रात में पृथ्वी की सतह की गर्मी तेजी से ऊपर चली जाती है। इसे विकिरण शीतलन कहते हैं, और यही कारण है कि रात व सुबह का तापमान न्यूनतम स्तर पर पहुंच रहा है। सुबह की पाला-जैसी स्थिति किसानों के लिए भी चिंता बढ़ा रही है।