राजनंदगांव

Jagannath Rath Yatra 2024: साजा और सागौन की लकड़ी से तैयार हुआ प्रभु का रथ, 7 जुलाई को निकलेंगे ‘जगत’ के ‘नाथ’

Jagannath Rath Yatra 2024: बजट या खर्च को लेकर उनका कहना है कि भगवान का दिया हुआ होता है और उनके लिए ही खर्च होता है, हम तो माध्यम मात्र हैं।

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Jagannath Rath Yatra 2024: आषाढ़ शुक्ल पक्ष के द्वितीया यानि 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। रथयात्रा की तैयारी जगन्नाथ मंदिर समिति द्वारा पिछले 10 दिनों से की जा रही है।

स्थानीय कारीगर साजा और सागौन की लकड़ी से रथ को तैयार कर रहे हैं। यह परंपरा यहां दशकों से चली आ रही है। इस साल मंदिर समिति द्वारा रथयात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसादी (भंडारा) की व्यवस्था भी रखी गई है।

गांधी चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर समिति के महेश शर्मा बताते हैं कि भगवान जगन्नाथ पूर्णिमा के दिन से बीमार हो गए हैं। विशेष शयन कक्ष में होने के कारण वे श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं दे रहे हैं। ठीक होने के लिए उन्हें काढ़ा दिया जा रहा है।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष के द्वितीया को ठीक होने पर श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए वे भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर निकलेंगे और शहर भ्रमण करते हुए मौसी के घर (जूनी हटरी स्थित राम-जानकी मंदिर) पहुंचेंगे। वहां एकादशी तक आराम करने के बाद पहुंच अपने स्थान पर लौट आएंगे।

Jagannath Rath Yatra 2024: रथ को खींचने उमड़ेंगे लोग

भगवान के रथ को श्रद्धालुओं द्वारा खींचा जाएगा। मान्यता है कि रथ खींचने वालों को कई यज्ञों का फल मिलता है। रथयात्रा का दर्शन करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि रथ को खींचने के लिए शहर के सैंकड़ों लोग शामिल होते हैं। इसके सभी वर्ग के लोग होते हैं। समिति द्वारा मिली जानकारी अनुसार रथयात्रा के गजामूंग का प्रसादी वितरण किया जाएगा और मंदिर परिसर में सुबह से महाप्रसादी (भंडारा) का वितरण भी किया जाएगा।

Jagannath Rath Yatra 2024: खर्च का कभी हिसाब नहीं किया

भगवान के रथ को संतोष हुंका के नेतृत्व व राजेश शर्मा के मार्गदर्शन में विजय देवांगन द्वारा तैयार किया जा रहा है। ये सभी स्थानीय हैं, जो लंबे समय से हर साल रथ को तैयार करते हैं। हर साल रथ को नया रूप दिया जाता है। मंदिर समिति व पेशे से जीएसटी इनकम टैक्स एडवोकेट महेश शर्मा बताते हैं कि इस पूरे आयोजन में आने वाले खर्च का आज तक उन्होंने हिसाब नहीं किया। बजट या खर्च को लेकर उनका कहना है कि भगवान का दिया हुआ होता है और उनके लिए ही खर्च होता है, हम तो माध्यम मात्र हैं।

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