राजनंदगांव

बड़े लीडरों के मारे जाने से नक्सलियों में हड़कंप, MP-CG-MH बॉर्डर बना नया सेफ जोन, महिला नक्सली के सरेंडर से खुला राज!

Naxal News: बस्तर के घने जंगलों में दहशत फैलाने वाले नक्सली अब खुद मौत के डर से भाग रहे हैं। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और बड़े कमांडरों के ढेर होने के बाद नक्सली अपने पुराने ठिकानों से निकलकर तीन राज्यों की सीमा पर सुरक्षित जगह तलाशने की कोशिश में इधर-उधर भटक रहे हैं।

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नक्सली (photo-patrika)

CG Naxal News: छत्तीसगढ़ से सटे आंध्र बॉर्डर से लेकर बस्तर इलाके में पुलिस का सर्च ऑपरेशन तेज होने के साथ ही बड़े लीडर के मारे जाने से नक्सल संगठन में खलबली मची हुई है। बचे हुए नक्सली अब सेफ जोन की तलाश में भटक रहे हैं। माना जा रहा है कि कुछ नक्सली सरेंडर करने या फिर मारे जाने के डर से छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाके में भटक रहे हैं। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित कनघुर्रा के जंगल में बुधवार को एमपी के बालाघाट जिले की पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ हुई, जिसमें इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हो गए।

इस मुठभेड़ के बाद स्पष्ट हो गया कि नक्सली अब उस क्षेत्र में आवाजाही कर रहे हैं जहां पर पुलिस की गतिविधियां पहले से कम हुई है। दरअसल कनघुर्रा इलाका पहले नक्सल जद में था। इस क्षेत्र में आईटीबीपी की एक कंपनी को तैनात किया गया था पर नक्सल गतिविधि कम होने पर कंपनी को हटाकर दूसरी जगह भेज दिया गया। यही कारण है कि बस्तर क्षेत्र में पुलिस के बढ़ते दबाव के डर से नक्सली इस ओर अपना बचाव करने के लिए भटकते हुए पहुंच गए।

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सरेंडर महिला नक्सली से मिले खास इनपुट

पुलिस तक यह खबर भी आ रही है कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर नजर आए नक्सली सरेंडर करने के लिए रास्ता तलाश रहे हैं। हालांकि सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ की घटना हो गई। गौरतलब है कि इसी क्षेत्र में सक्रिय रही एक महिला नक्सली ने खैरागढ़ पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है। उक्त सरेंडर महिला नक्सली से भी पुलिस कुछ खास इनपुट मिले हैं। इस आधार पर भी बॉर्डर पर ज्वॉइंट ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है।

नक्सल ऑपरेशन से जुड़े अफसरों का कहना है कि नक्सली अक्सर बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद ऐसे क्षेत्र में मूवमेंट करते हैं जहां पुलिस की आवाजाही कम है पर इस बार नक्सली (CG Naxal News) चूक गए। एमपी पुलिस को जैसे ही सूचना मिली पड़ोसी राज्य की पुलिस टीम को सक्रिय कर दिया गया और ज्वॉइंट ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों को खदेड़ा।

खबर है कि नक्सलियों की टीम को एमएमसी जोन के इंचार्ज विकास नागपुरे और दर्रेकसा-मलाजखंड में सक्रिय रही हार्डकोर नक्सली रानू लीड कर रही थी। दर्रेकसा दलम के नक्सल सदस्य 15 साल पहले यहां सक्रिय थे पर आईटीबीपी और जिला पुलिस की ओर से कैंप खोले जाने से पीछे हटे हैं। बॉर्डर के बोरतलाव थाना क्षेत्र में सालों पहले कई नक्सली वारदातें हुई हैं।

बॉर्डर में पुलिस टीम सक्रिय है। लगातार निगरानी हो रही है। मुठभेड़ में नक्सलियाें को भी नुकसान होने की खबर है। - अभिषेक शांडिल्य, आईजी राजनांदगांव

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Published on:
22 Nov 2025 12:39 pm
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